रांची: झारखंड में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है और अगले कुछ दिनों में भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, रांची के अनुसार दक्षिण-पश्चिम बिहार और उत्तर प्रदेश के समीपवर्ती क्षेत्रों में बना हुआ ‘वेल मार्क्ड लो प्रेशर एरिया’ राज्य में व्यापक बारिश का कारण बन सकता है। यह प्रणाली अगले 24 घंटे में और अधिक पश्चिम-दक्षिणपश्चिम की ओर बढ़ते हुए झारखंड और आसपास के इलाकों को प्रभावित करेगी। मौसम विभाग के मुताबिक 17 से 19 जुलाई के बीच राज्य के उत्तर-पश्चिमी, मध्य और कुछ दक्षिणी जिलों में तेज गर्जना और वज्रपात के साथ भारी वर्षा होने की प्रबल संभावना है। इसके साथ ही कुछ स्थानों पर 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चल सकती हैं।
मौसम विभाग द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, राज्य में बीते 24 घंटे के भीतर सबसे अधिक वर्षा नेतरहाट में 204.0 मिमी दर्ज की गई, जबकि चाईबासा में 92.4 मिमी, जमशेदपुर में 100.9 मिमी, रांची में 56.0 मिमी और डालटनगंज में 15.8 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। वहीं, रांची का अधिकतम तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य के करीब है। विभाग ने बताया कि 16 से 20 जुलाई तक राज्य में प्रतिदिन अलग-अलग स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश की संभावना बनी रहेगी। इसके अलावा 21 और 22 जुलाई को भी हल्की से मध्यम बारिश की स्थिति बनी रह सकती है।
वर्तमान मॉनसून सत्र में 1 जून से 16 जुलाई 2025 के बीच झारखंड में औसतन 595.8 मिमी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य 348.9 मिमी के मुकाबले करीब 71% अधिक है। सर्वाधिक बारिश पूर्वी सिंहभूम (985.7 मिमी), पश्चिमी सिंहभूम (808.8 मिमी), और सिमडेगा (808.3 मिमी) में रिकॉर्ड की गई है। वहीं, देवघर, गढ़वा और कोडरमा जैसे जिलों में भी सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। विभाग के अनुसार बोकारो, गिरिडीह, हजारीबाग, लातेहार और पलामू में भी अगले कुछ दिनों में बारिश की तीव्रता बढ़ सकती है।
इस बीच मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम की जानकारी पर नजर रखें और आवश्यक सतर्कता बरतें। विशेषकर निचले इलाकों में रहने वाले नागरिकों को जलजमाव और बाढ़ जैसे खतरों से सावधान रहने की सलाह दी गई है। मछुआरों और नदी किनारे बसे लोगों को भी सतर्क रहने को कहा गया है। किसानों को भी कृषि कार्यों के संचालन में मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए योजना बनाने की हिदायत दी गई है। राज्य के सभी जिलों में जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभागों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।