रांची: जातीय जनगणना को लेकर मंत्री मिथलेश ठाकुर ने अपवना पक्ष रखा है। आदिवासियों और ईसाइयों को किस जाति में रखा जायेगा इस पर जवाब देते हुए उन्हों ने कहा कि ये सवाल बीजेपी के 12 सांसदों और केंद्र सरकार से किया जाना चाहिए।
हमलोगो ने सरना धर्म कोड को लागू करवाने के लिए विधानसभा से पारित करवा कर महामहिम राज्यपाल को भी भेज दिया दो वर्ष से अधिक का समय बीत गया है लेकिन इस पर अभी तक कुछ नहीं हुआ है सही में यह चिंता का विषय है कि आदिवासी समाज के लोग अपने आप को किस कॉलम में रखेंगे।
राज्य सरकार जरूर इसपर विचार करेगी कि उनके लिए कोई कॉलम नहीं रखा गया है लेकिन केंद्र सरकार को जल्द से जल्द सरना धर्म कोड लागू करना चाहिए ताकि आदिवासियों की पहचान और स्मिता बची रहे।
मिथलेश ठाकुर ने आगे कहा कि यहां के लोगों को तृतीय और चतुर्थ वर्ग के नौकरियों में प्राथमिकता देना ये किसी से छिपा हुआ नहीं है झारखंड में रहने वाले काम करने वाले सभी झारखंडी हैं, सभी को मान सम्मान मिलेगा, और समान अधिकार मिला भी लेकिन इसपर भी अर्चन क्यों लगा रहे हैं राज्यपाल महोदय ये समझ से परे है इससे केंद्र की कथनी और करनी में फर्क नजर आता है।