Munger-कहावत है कि सच्चा प्यार किसी सरहद का मुंहताज नहीं होता, प्यार में न उम्र की सीमा होती है और न ही जाति-धर्म का बंधन. कुछ ऐसी ही कहानी है मुंगेर जिले के रणवीर और सात संमदर पार फ्रांस की शार्लीन शेनतल की.
जमालपुर प्रखंड के रणवीर कुमार चेन्नई के किसी संस्थान से बीटेक करने के बाद वर्ष 2015 में मास्टर इन इंटरनेशनल मैनेजमैंट की पढ़ाई करने फ्रांस गया था, कोर्स पूरा होने के बाद फ्रांस में ही मार्केटिंग एवं सेल्स मैनेजर का जॉब करने लगा. यहीं रणवीर की मुलाकात ग्राफिक्स डिजाइनर शार्लीन से हुई, धीरे-धीरे दोस्ती बनी, लेकिन यह दोस्ती कब प्यार में तब्लीद हो गया, कुछ पता ही नहीं चला.
रणवीर बताता है कि दो साल पहले वह फ्रांस से जमालपुर आया था. इस बीच कोरोना का कहर टूटा. वर्क फ्राम होम की शुरुआत हो गयी. शार्लीन से तो बात होती रही. लेकिन यह दूरी दोनों को कचोटता रहा, दिल में बेचैनी बनी रही, दोनों को अपने-अपने काम में दिल नहीं लगने लगा, लेकिन कोरोना के कारण कुछ भी करना नामुमकिन था.
जब कोरोना की रफ्तार कुछ कम हुई तो दोनों ने इस दूरी को समेट कर एक दूजे का होने का फैसला कर लिया. शार्लीन ने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी, अपनी चाहत का इजहार किया. यह बता दिया कि रणवीर ही उसकी आखिरी और पहली पंसद है. आखिरकार पिता डोनिन्नगु तलर्जी और मां बेथरिस ने शादी पर अपनी सहमति दे दी. डोनिन्नगु तलर्जी अपनी पत्नी बेथरिस और बेटी शार्लीन के साथ भारत के लिए रवाना हो गये. कोराना गाइड लाइन के कारण रांची में होम क्वारंटाइन रहना पड़ा, गुरुवार को तीनों जमालपुर पहुंचे. शादी के लिए कोर्ट में अर्जी दी गयी. इसके बाद कोर्ट में शादी की औपचारिकता पूर्ण की गयी.
.शादी के बाद लंहगा-चुनरी में शार्लीन बेहद खुश नजर आ रही है. शादी का सर्टिफिकेट मिलते ही अपने सास ससुर का पैर पकड़ आशीर्वाद ग्रहण किया. शार्लीन को भाषा की दिक्क्त तो आ रही है, लेकिन हाथ जोड़ कर नमस्ते बोल सबों का अभिवादन करने में पीछे नहीं रह रही. शार्लीन को भारतीय व्यजंन भी पसंद है, खास कर गोलगप्पा.
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