मधेपुरा : मधेपुरा में सीएम नीतीश कुमार के प्रगति यात्रा से पूर्व हीं नगर परिषद का पोल खुल गया। नगर परिषद क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। एक करोड़ 44 लाख रुपए का गबन घोटाले का मामला है। बिना प्रशासनिक स्वीकृति के ही एक करोड़ 44 लाख की सरकारी राशि की निकासी हुई। दरअसल, शहर में लगे प्याऊ और शौचालय निर्माण कार्यों में भारी अनियमिता बरती गई है। नगर परिषद के वार्ड पार्षदों ने कार्यपालक पदाधिकारी पर सरकारी राशि की बंदरबांट का आरोप लगाया।
वहीं नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी तान्या कुमारी ने मामले को अपने सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद है। सशक्त बोर्ड के बैठक में सर्वसम्मती से ली गई निर्णय के बाद ही राशि की निकासी हुई है। कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि हमें जो सहयोग मुख्य पार्षद और वार्ड पार्षद से मिलनी चाहिए वो नहीं मिल पा रहा है। फिलहाल एक-दूसरे पर छींटाकशी को लेकर शहर में कई विकास कार्य बाधित है। उन्होंने कहा कि नगर परिषद क्षेत्र में जो भी विकास कार्य किए जा रहे हैं वो सभी सरकारी निर्देश और नगर परिषद के नियमानुसार ही की जाती है।
यह भी देखें :
इधर, नगर परिषद के कई वार्ड पार्षद ने कार्यपालक पदाधिकारी पर आरोप लगाया कि जहां एक प्याऊ की लागत दो लाख ही है। वहीं एक प्याऊ में नौ लाख पांच हजार की राशि का बारे बताया गया है। इतना हीं नहीं शौचालय निर्माण और मरम्मती के नाम पर करोड़ों की राशि का गबन किया गया है जो जांच का विषय है। इस मामले को लेकर वार्ड पार्षद और नगर विकास आयोग से जांच कर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
यह भी पढ़े : HMPV वायरस को लेकर एलर्ट मोड पर JKTMC अस्पताल, 20 बेड कर ली गई है चिन्हित
रमण कुमार की रिपोर्ट