म्यांमार में है दुनिया के सबसे बड़े Cyber ठगों का गांव

डिजिटल डेस्क : म्यांमार में है दुनिया के सबसे बड़े Cyber ठगों का गांव। महाकुंभ में स्नान-पूजन के बाद वस्त्र बदलतीं महिलाओं विशेषकर युवतियों एवं बालिकाओं की तस्वीर – वीडियो को इंटरनेट पर ऑनलाइन बेचने का गंदा धंधा कर रहे 3 Cyber अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद Cyber अपराध और Cyber अपराधियों के किस्से एकबारगी फिर से सुर्खियों में हैं।

इस मामले में विदेशी हैकर्स के लिप्त होने की बात शामिल होने का भी पुख्ता संकेत मिलने के बाद पुलिस ने देश और दुनिया के Cyber अपराधियों के ठिकानों और उनके हालिया गतिविधियों से मिली जानकारियां साझा की हैं।

बताया गया कि भारत में जिस तरह पिछले दिनों झारखंड के जामताड़ा और हरियाणा के नूंह में Cyber अपराधियों का बड़ा कुनबा सामने आया था, उसी तरह पूरी दुनिया का सबसे बड़ा Cyber अपराधियों का कुनबा म्यांमार में थाईलैंड के पास के एक गांव में बसता है।

Cyber अपराधियों का यह गांव है मायावाडी

भारतीय नाम से मिलता-जुलता ही नाम दुनिया के सबसे बड़े Cyber अपराधियों के गांव का भी है। नाम है मायावाडी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक,सुदूर दक्षिण-पूर्व एशिया में एक ऐसा इलाका है, जिसे दुनिया के सबसे बड़े Cyber ठगी केंद्र के रूप में जाना जाता है।

म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर स्थित मायावाडी क्षेत्र पिछले कई वर्षों सेCyber अपराधियों का अड्डा बना हुआ है। म्यांमार के कयन राज्य में स्थित मायावाडी, थाईलैंड की सीमा से सटा हुआ एक महत्वपूर्ण इलाका है। यह क्षेत्र लंबे समय से संगठित Cyber अपराध और ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए कुख्यात रहा है।

यहां से ऑनलाइन ठगी के बड़े नेटवर्क संचालित किए जाते रहे हैं। यहां इंसानों को बंधुआ मजदूर की तरह रखा जाता है लेकिन अब इस अड्डे पर शिकंजा कसा जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कई वर्षों में हजारों लोगों को धोखे से इन केंद्रों में लाया गया और अवैध ऑनलाइन अपराधों में धकेल दिया गया।

म्यांमार में मायावाडी के साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई का दृश्य।
म्यांमार में मायावाडी के साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई का दृश्य।

मायावाडी के Cyber अपराधियों में फंसे 200 लोग छुड़ाए गए

मिली जानकारी के मुताबिक, मायावाडी से संचालित इस Cyber अपराध सिंडिकेट में लोगों को अच्छी नौकरियों का लालच देकर बुलाया जाता था। फिर उन्हें जबरन ऑनलाइन Cyber ठगी करने के लिए मजबूर किया जाता था।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, हजारों लोगों को धोखे से इन केंद्रों में लाया गया और अवैध ऑनलाइन अपराधों में धकेल दिया गया। कई पीड़ितों ने बताया कि जब उन्होंने Cyber अपराधों में शामिल होने से इनकार किया तो उन्हें शारीरिक प्रताड़ना दी गई। उन्हें पीटा गया, भूखा रखा गया और यहां तक कि इलेक्ट्रिक शॉक भी दिए गए।

बीते गुरुवार को इस क्षेत्र के Cyber ठगी केंद्रों के चंगुल में फंसे 200 चीनी नागरिकों को मुक्त कराने में सफलता मिली है। इन्हें थाईलैंड के रास्ते उनके वतन वापस भेज दिया गया। यह कदम एक अंतरराष्ट्रीय प्रयास का हिस्सा था। इसका उद्देश्य इन ऑनलाइन Cyber ठग गिरोहों के चंगुल से लोगों को छुड़ाना है।

म्यांमार में मायावाडी के साइबर अपराधियों के चंगुल से मुक्त लोगों की वतन-वापसी का दृश्य।
म्यांमार में मायावाडी के साइबर अपराधियों के चंगुल से मुक्त लोगों की वतन-वापसी का दृश्य।

मायावाडी में फंसे 600 चीनी लोगों को मुक्त कराने पर काम जारी…

हाल ही में मायावाडी के Cyber अपराधियों की ठगी नेटवर्क पर तब ज्यादा ध्यान दिया जाने लगा, जब चीनी अभिनेता वांग ज़िंग इस गिरोह के चंगुल में फंस गए। उन्हें एक फर्जी फिल्म प्रोजेक्ट के बहाने मायावाडी बुलाया गया था।

उनकी गुमशुदगी के बाद मामला तूल पकड़ गया और Cyber ठगी के इस काले साम्राज्य पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ गया। इस घटना के बाद, चीन में करीब 1,800 परिवारों ने अपने लापता प्रियजनों के नाम सरकार को सौंपे। उनके बारे में माना जा रहा था कि वे इसी तरह के Cyber अपराध गिरोहों में फंसे हुए थे।

दुनिया के सबसे बड़े Cyber अपराधियों के गांव के लोगों की जाल में फंसने वालों को मुक्त कराने के लिए जारी अंतरराष्ट्रीय अभियान के पीछे लक्ष्य है कि यहां से संचालित Cyber अपराध के सिंडिकेट को ध्वस्त किया जाए। इसके लिए चीन, थाईलैंड और म्यांमार की सरकारें मिलकर काम कर रही हैं।

म्यांमार में मायावाडी के साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसे लोगों का दृश्य।
म्यांमार में मायावाडी के साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसे लोगों का दृश्य।

बताया जा रहा है कि इस हफ्ते के अंत तक कुल 600 चीनी नागरिकों को इन Cyber ठगी केंद्रों से छुड़ाकर उनके देश वापस भेजा जाएगा।

थाईलैंड के उप-प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री फूमथम वेचयाचाई ने कहा है कि –‘इस ऑपरेशन की सफलता के लिए तीनों देशों का सहयोग जरूरी है। अगले हफ्ते इस विषय पर तीनों देशों के अधिकारी एक विशेष बैठक करेंगे।

इस बीच थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा ने कहा कि – ‘…अब तक म्यांमार में इन Cyber ठगी केंद्रों से करीब 7,000 लोगों को बचाया जा चुका है और वे थाईलैंड में प्रत्यर्पण प्रक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।

…यह ऑपरेशन दिखाता है कि कैसे संगठित अपराध से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत होती है। …मायावाडी जो कभी Cyber ठगों के लिए स्वर्ग था अब कानून के शिकंजे में आ रहा है’। 

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