पटना : राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (क्षेसंप्र), सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय भारत सरकार क्षेत्रीय कार्यालय पटना के द्वारा एएसयूएसई के लिए एकदिवसीय क्षेत्रीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन बुधवार को कर्पूरी ठाकुर सदन आशियाना रोड में किया गया। इस क्षेत्रीय प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन करते हुए उप महानिदेशक एवं क्षेत्रीय प्रमुख रोशन लाल साहू ने एएसयूएसई सर्वेक्षण के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस सर्वेक्षण की अवधि जनवरी 2025 से दिसंबर 2025 तक होगी, जो आंकड़े देश के लिए अति महत्वपूर्ण है एवं सरकार के नीति निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।
उन्होंने कहा कि उच्च गुणवत्तापूर्ण एवं समय पर प्रकाशित आंकड़े नीति निर्माण में अहदी भूमिका अदा करती है। इस सर्वेक्षण में मुख्य रूप से अनिगमित क्षेत्रों के आंकड़े को पूर्ति करने के लिए विनिर्माण, व्यापार और अन्य सेवा क्षेत्रों के अंतर्गत असमाविष्ट गैर कृषि क्षेत्र के आर्थिक और संचालनात्मक विशेषताओं पर किए जाने वाले एकीकृत सर्वेक्षण पर केंद्रित है। असमाविष्ट सेक्टर के 2023-24 के प्रकाशित रिपोर्ट से सभा को अवगत कराते हुए कहा कि देश में लगभग 7.34 करोड़ असमाविष्ट सेक्टर के संस्थान हैं जिसमें 12 करोड़ से अधिक लोग रोजगार में लगे हुए हैं जो रोजगार के क्षेत्र में असमाविष्ट सेक्टर के महत्व को बताता है। असमाविष्ट सेक्टर के संस्थानों का जीवीए प्रति संस्थान 2,45,687 रुपए हैं तथा जीवीए प्रति कामगार 1,49,742 रुपए हैं।
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इस प्रशिक्षण शिविर में उप निदेशक परिमल द्वारा आंकड़ों की उपयोगिता एवं इसके तकनीकी पहलुओं से प्रशिक्षणार्थियों को अवगत कराया गया। स्वागत भाषण मनोज कुमार गुप्ता के द्वारा किया गया। सहायक निदेशक अभिषेक गौरव के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया। इस प्रशिक्षण शिविर के तकनीकी पहलुओं से राजीव कुमार झा, रौशन कुमार एवं जीतेन्द्र राय ने लोगों को प्रशिक्षित किया। साथ ही देवेन्द्र कुमार, कुमार इन्द्रजीत एवं कमलेश कुमार गुप्ता के अलावा अन्य वसांअधि और गुरुराज सिंह, कसांअधि ने भी भाग लिया। मनोज कुमार एवं श्याम बाबू रजक ने भी प्रशिक्षण शिविर में सहयोग किया।
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