जापान सरकार ने मरणोपरांत सर्वोच्च सम्मान की घोषणा की
टोक्यो, 12 जुलाई: सायोनारा प्रधानमंत्री शिंजो आबे
Highlights
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का आज मंगलवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा.
जिसमें दुनिया भर के नेताओं की मौजूदगी की उम्मीद जताई जा रही है.
इससे पहले उनका पार्थिव शरीर राजधानी टोक्यो के आलीशान रिहाइशी इलाका शिबुया स्थित आवास पर लाया गया था.
पिछले शुक्रवार 09 जुलाई को नारा शहर में चुनावी मुहिम के दौरान एक बंदूकधारी हमलावर ने
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को गोली मार दी थी.
उन्हें अफरातफरी के बीच हवाई मार्ग से अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन डॉक्टरों की
तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका.
उन्हें दो गोलियां लगी थी। हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया.
इस घटना ने पूरी दुनिया को चौंका दिया। जापान पूरी तरह से सकते में आ गया लेकिन जिस
चुनाव प्रचार के दौरान शिंजो आबे की हत्या की गई, उसे टाला नहीं गया.
बल्कि पूर्व निधारित कार्यक्रम के मुताबिक चुनाव हुए और शिंजो आबे की पार्टी को उच्च सदन में भारी बहुमत मिला.
सर्वोच्च सम्मानजापान की सरकार ने एकदिन पहले ही सोमवार को शिंजो आबे को मरणोपरांत देश
का सर्वोच्च सम्मान ‘द कलर ऑफ द सुप्रीम ऑर्डर ऑफ द क्रिसंथेमुम’ की घोषणा की है.
शिंजो देश के चौथे प्रधानमंत्री हैं जिन्हें यह सम्मान मिलेगा.
भारत के मित्र शिंजो आबे को भारत के शुभचिंतक और मित्र के रूप में याद किया जाता है.
उनके इसी किरदार की वजह से भारत सरकार ने 2021 में उन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया था.
भारत-जापान की दोस्ती के शिल्पकार रहे शिंजो आबे ने बुलेट ट्रेन सहित भारत में कई विकास योजनाओं को साकार करने में अहम भूमिका निभाई.
शिंजो आबे जापान के ऐसे प्रधानमंत्री रहे जिन्होंने अपने कार्यकाल में सबसे अधिक बार भारत का दौरा किया.
अपने पहले कार्यकाल में 2006- 2007 में पहली बार, जबकि दूसरे कार्यकाल 2012- 2020 के दूसरे कार्यकाल में तीन बार भारत का दौरा किया.
जिसमें 2014, 2015 और 2017 का उनका दौरा शामिल है। इन दौरों में वे साबरमती आश्रम और काशी की एतिहासिक गंगा आरती में शामिल हुए.
सबसे लंबे समय तक रहे पीएम67 साल के शिंजो आबे जापान के सबसे लंबे समय 9 साल तक प्रधानमंत्री रहे.
लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) से संबंध रखने वाले शिंजो आबे ने 2006- 2007 और 2012- 2020 तक देश की कमान संभाली.
बेहद आक्रामक नेता रहे शिंजो ने आंत से जुड़ी बीमारी के कारण 2020 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.