डिजीटल डेस्क : New Political Card By CM Yogi in UP – उत्तर प्रदेश में ओबीसी के दायरे के तहत मुस्लिमों को मिलने वाले आरक्षण की समीक्षा होगी। इस संबंध में शासन के स्तर पर गंभीरता से तैयारी जारी है। लोकसभा चुनाव के सातों चरण के संपन्न होने से पहले ही CM Yogi की सरकार की इस पहल से सियासी पारा के सुलगने के संकेत मिलने लगे हैं। CM Yogi की इस पहल को भाजपा का अहम सियासी कार्ड भी माना जा रहा है क्योंकि यह ऐसा मुद्दा है जिस पर मुसलमानों के आरक्षण की पैरोकारी करने वाले सियासी दल भाजपा पर स्वाभाविक रूप से हमलावर होंगे और यूपी से लेकर केंद्र स्तर पर भी सियासी माहौल गरमाएगा।

CM Yogi का साफ संदेश- किसी के पक्षपात या भेदभाव ना हो
हालांकि CM Yogi की ओर इसे सांप्रदायिक रंग न दिए जाने का भी कड़ा संकेत है और संदेश साफ है कि सरकार की नीति का लाभ जनसामान्य को समान रूप से मिले और उसमें कहीं भी किसी भी स्तर पर कोई पक्षपात या भेदभाव ना हो, चाहे प्रकरण किसी भी समुदाय से जुड़ा क्यों ना हो। CM Yogi मुसलमानों को सामाजिक और शैक्षिक स्थिति के आधार पर आरक्षण दिए जाने के लिए संजीदा है। ओबीसी वर्ग में मुसलमान के आरक्षण के मामले पर CM Yogi की सरकार ने जांच करने की तैयारी शुरू कर दी है।

CM Yogi मुस्लिमों को ओबीसी आरक्षण में मिल रहे लाभ के आधार की सच्चाई जानने में जुटे
बताया जा रहा है कि ओबीसी आरक्षण के तहत मुसलमानों को दिए जाने वाले आरक्षण के आधार की CM Yogi सच्चाई जानने में जुटे हैं। सरकार यह जांच करा रही है कि आखिर मुसलमानों को किस आधार पर आरक्षण दिया जा रहा है? उत्तर प्रदेश में 24 से ज्यादा मुस्लिम जातियों को इस आरक्षण का लाभ मिलता है। दरअसल, मुसलमान में जातियों का कॉन्सेप्ट नहीं होने का दावा किया जाता है। संविधान में धार्मिक आधार पर आरक्षण न दिए जाने की बात कही गई है। ऐसे में CM Yogi और भाजपा थिंक टैंक का मानना है कि अगर आर्थिक आधार पर मुसलमान को आरक्षण दिया जा रहा है तो वह हिंदू समाज के सामान्य वर्ग के गरीब तबके को मिलने वाले आरक्षण के आधार पर होना चाहिए और ओबीसी आरक्षण के दायरे में नहीं रखा जाना चाहिए।
27 फीसदी ओबीसी कोटे में यूपी में मुस्लिमों के 24 जातियों को मिलता है लाभ
संविधान के आरक्षण के आधार पर ओबीसी कोटे को यूपी में 27 फीसदी आरक्षण दिया जाता है। इसका लाभ मुसलमानों के करीब दो दर्जन जातियों को मिल रहा है। मुसलमानों को मिलने वाले आरक्षण का लाभ किस आधार पर दिया जा रहा है, इस तथ्य की सरकारी स्तर पर जांच कर रहे अधिकारियों के समक्ष कई बिंदु सामने आए हैं। जांच में पता चला है कि समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान मुसलमानों की 24 से अधिक जातियों को ओबीसी आरक्षण के दायरे में लाया गया। हालांकि, उन्हें किस आधार पर आरक्षण दिया गया, इसका जिक्र नहीं किया गया है। भाजपा नेताओं का दावा है कि यह नियम के खिलाफ कार्रवाई है।

विस्तृत रिपोर्ट मिलने पर CM Yogi लेंगे आरक्षण पर अहम फैसला
यूपी ओबीसी आयोग इस मामले में आवश्यक जानकारियां जुटा रहा है। अधिकारियों की ओर से निर्देश दिया गया है कि इस आरक्षण की तमाम बारीकियों पर गौर किया जाए। आरक्षण दिए जाने के आदेश से लेकर अब तक लाभ पाने वालों तक के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। विभागीय स्तर पर जुटाया जा रहा पूरा ब्योरा CM Yogi आदित्यनाथ के समक्ष पेश किया जाएगा। इसके बाद बैठकों का दौर शुरू होगा जिसमें मुसलमानों को ओबीसी आरक्षण के तहत दिए जाने वाले और दिए गए लाभ पर अहम फैसला हो सकता है।