Ranchi/Bundu: झारखंड में 10 जून से लागू नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की रोक के बावजूद नदियों से बालू का अवैध उठाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। खूंटी, बुंडू, तमाड़ और सिल्ली के घाटों से हर दिन सैकड़ों ट्रैक्टरों में बालू निकाला जा रहा है और प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है।
खूंटी जिले के रिमिक्स घाट, बुंडू के केव्स घाट और सिल्ली के अन्य घाटों से सुबह से लेकर रात 11 बजे तक अवैध खनन और परिवहन जारी है। बालू को हजाम गांव, खुजीराम, खर्शीदाग जैसे इलाकों में डंप किया जा रहा है और फिर बड़े ट्रकों से दूसरे राज्यों में भेजा जा रहा है।
ग्रामीण के अनुसार, बालू के हर ट्रैक्टर से ₹5000 तक की वसूली की जा रही है। खास बात यह है कि इस तस्करी में थाना क्षेत्रों को भी “मैनेज” करने की बात सामने आ रही है। आरोप है कि मारंगा, तसमपोल और अन्य थाना क्षेत्रों से बिना किसी रोकटोक के ट्रैक्टर गुजर रहे हैं।
प्रशासन ने दावा किया था कि नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, लेकिन जमीन पर स्थिति इसके उलट है। अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है और बालू माफिया बेखौफ नजर आ रहे हैं। प्रशासन और अधिकारियों की चुप्पी से कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
गौरतलब है कि एनजीटी के आदेशानुसार हर साल 10 जून से 15 अक्टूबर तक नदियों से बालू उठाव पर रोक लगाई जाती है, ताकि मानसून के दौरान पर्यावरणीय संतुलन बना रहे। लेकिन झारखंड में यह रोक सिर्फ कागजों पर ही सख्त नजर आ रही है।