Wednesday, July 2, 2025

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तीन सदस्यीय कमिटी के रिपोर्ट को एनजीटी ने किया खारिज़

  • स्टोन बोल्डर मामले की एनजीटी में हुई सुनवाई
  • एनजीटी ने प्रदुषण बोर्ड को लगाया फटकार
  • जिले के सभी गंगा घाटो का स्थल निरिक्षण करने का दिया आदेश
  • अगली सुनवाई 16 अप्रैल को
साहिबगंज:  जिले के चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता सह पर्यावरण प्रेमी सैयद अरशद नसर द्वारा गंगा नदी को प्रदुषित होने से बचाने व जलीय जीव जंतू,संरक्षित डॉल्फिन को बचाने व संवर्धन हेतु एनजीटी ईस्टर्न जोन कोलकाता में दायर याचिका संख्या-162/2023 की गुरूवार को पीठ के न्यायिक सदस्य जस्टिस बी.अमित स्टालेकर व एक्सपर्ट मेंबर डा.अरूण कुमार वर्मा ने की.
सुनवाई के दौरान झारखंड राज्य प्रदुषण बोर्ड के सदस्य सचिव यतींद्र कुमार दास द्वारा कोर्ट में दाखिल जवाबी हलफनामा पर फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा की कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय कमिटी उपायुक्त,केंद्रीय प्रदुषण बोर्ड नई दिल्ली,झारखंड राज्य प्रदुषण बोर्ड द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट से कोर्ट संतुष्ट नहीं है इसलिए कमिटी को कोर्ट निर्देश देती है की जिले के सभी गंगा घाटों का स्थलीय निरिक्षण कर अगली सुनवाई तिथि 16 अप्रैल तक कमिटी कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करे अन्यथा कोर्ट कमिटी के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी.
कोर्ट ने जी.के.इंटरप्राइजेज मालदा व मां तारा कंस्ट्रक्शन कंपनी मुजफ्फरपुर के द्वारा जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं करने पर भी नाराजगी प्रकट करते हुए अगली सुनवाई तिथि के पुर्व जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है.
कोर्ट ने जिले के परिवहन पदाधिकारी व  कार्यपालक अभियंता,जिला बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल,कटिहार को भी अगली सुनवाई तिथि के पुर्व जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया.सुनवाई में याचिकाकर्ता की तरफ से कोलकाता हाईकोर्ट की विद्वान अधिवक्ता पौशाली बनर्जी व दीपांजन घोष ने पैरवी की.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अरशद भी उपस्थित रहे. एनजीटी के कड़े रुख से एक तरफ़ पत्थर कारोबारियों व भ्रष्ट पुलिस प्रशासनिक पदाधिकारियों में हड़कंप है तो दुसरी तरफ पर्यावरण व गंगा शुभचिन्तकों में हर्ष व्याप्त है.अब सभी की नजरें अगली सुनवाई तिथि 16 अप्रैल पर टिक गईं है.
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