कैमूर : डॉ. अम्बेडकर स्टूडेंट फ्रंट ऑफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी जमील खान के कहा कि नीतीश कुमार के पास कोई ऐसी संस्था नहीं है जो सही से एक भी परीक्षा आयोजित करा सके और जिसमें कोई गड़बड़ी ना हो। अभी हाल का मामला बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक परीक्षा का है जो उर्दू के विद्यार्थियों के साथ हुआ। उर्दू के अभ्यार्थियों से उर्दू के बजाए हिंदी का सवाल पूछा गया अब पता नही ऐसा अनजाने में हुआ या नीतीश सरकार और उनके ऑफिसर जान बूझ कर उर्दू अभ्यर्थियों से दुश्मनी निकाल रहे हैं।
बीपीएससी के ऐसे कृत के वजह से हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य खतरे में है। इसमें सरकार और बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए और इस समस्या का समाधान करना चाहिए। उर्दू बिहार की द्वितीय राजभाषा है उसके बाद भी उर्दू अभ्यर्थियों के साथ ऐसा धोखा ये बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद के उर्दू के प्रति दोहरे चरित्र और उनके मानसिकता को दर्शाता है। सरकार को इस पर संज्ञान लेते हुए कड़ी से कड़ी करवाई करनी चाहिए। वरना उर्दू आबादी ऐसे दोहरे चरित्र और चेहरे वाली सरकार को कभी माफ नहीं कर पाएगी।
विवेक कुमार सिन्हा की रिपोर्ट