Patna– मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से विपक्ष को एकजुट करने की कवायद में जुट गये हैं, शपथ ग्रहण समारोह के बाद मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि भाजपा में जाने का हमें काफी नुकसान हुआ, पिछले दो महीनों से स्थितियां और भी खराब हो रही थी. बीजेपी के व्यवहार से हम काफी दुखी थें. विधायकों का दवाब लगातार बढ़ता जा रहा था.
2020 में मुख्यमंत्री बनने को इच्छुक नहीं था-मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम तो 2020 में भी मुख्यमंत्री का बनने को तैयार नहीं थें, लेकिन आखिरकार हमें शपथ लेना पड़ा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि 2024 के बाद बिहार के राजनीति में नहीं रहेंगे. इस अवसर पर अपने प्रिय नेता अटल बिहारी वाजपेयी को लेकर सीम नीतीश कुमार भावुक भी नजर आयें, कहा उनके रहते गठबंधन के साथियों के साथ सम्मानपूर्ण व्यवहार होता था. लेकिन अब पहले जैसी बात नहीं रही.
जो 2024 में आये थें वह 2024 में नहीं रहेंगे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि हम रहें या नहीं रहें जो 2024 में आये थें वह 2024 में नहीं रहेंगे. यह स्पष्ट तौर पर इस बात का संकेत है कि सीएम नीतीश का निशाना सिर्फ मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं है, उनका निशाना कहीं और है, आने वाले समय में उनकी कोशिश विपक्षी एकता को एकजुट करने की है. कहा जा सकता है कि उनके दिमाम में 2024 को लेकर कई तैयारियां चल रही है, अब देखना होगा कि वह इस विपक्षी एकता को कितनी धार दे पाते हैं.
इसके पहले तेजस्वी यादव ने दूसरी बार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का बाद नीतीश कुमार का पैर छू कर आर्शिवाद लिया, तो मुख्यमंत्री ने भी गले तेजस्वी को गले लगा लिया.
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