अब किसान आन्दोलन में अडानी-अम्बानी की भी चर्चा

रांचीः संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा आहूत भारत बंद को सफल बनाने के लिए विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ता और नेता राजधानी रांची सहित झारखंड के विभिन्न शहरों में सड़क पर है, उनकी ओर से भारत बंद की सफलता के दावे किए जा रहे है.

इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि किसान आन्दोलन के दौरान अब तक करीबन छह सौ किसानों की मौत हुई है, लेकिन प्रधानमंत्री किसानों की समस्या सुनने के बजाय किसानों का उपहास उड़ा रहे हैं, संवैधानिक संस्था द्वारा ही देश के संविधान को धत्ता बताया जा रहा है.

जब लोगों का जीवन ही बाधित हो गया, तब ट्रैफिक चालू रहने से क्या लाभ

झारखंड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि मोदी सरकार इस देश की जमीन से लेकर आसमान बेचने की तैयारी में है. यह बन्दी किसानों, मजदूरों और युवाओं में मोदी सरकार की नीतियों के प्रति गुस्से का इजहार है. यह स्वत:स्फूर्त आन्दोलन है और यह आन्दोलन 2024 तक जारी रहेगा. सुप्रियो भट्टाचार्य से जब यह पूछा गया कि इस बन्दी से आम लोगों का जीवन बाधित हो रहा है तो जबाव दिया कि जब लोगों का जीवन ही बाधित हो गया है तब ट्रैफिक चालू रहने से क्या होगा.

सीपीआई के भुनेश्वर मेहता ने कहा कि केन्द्र सरकार इस भ्रम में न रहे कि आज किसान अकेला है, भले ही अडानी-अम्बानी किसी की साथ खड़ा हो, लेकिन देश का आम मजदूर, छोटा व्यापारी और पूरा देश उनके साथ खड़ा है.  सराकार किसानों की मांगों का सुने, एमएसपी को लागू करे, तीनों काले कृषि कानूनों को वापस ले.

जबकि राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के राजेश ने कहा कि पिछले नौ माह से देश का अन्नदाता सड़क पर है,अब तक सात सौ से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है, यह  काला कानून सिर्फ किसानों के विरुद्ध ही नहीं बल्कि आम जनों के विरुद्ध है. राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा किसानों के साथ खड़ी है, केन्द्र सरकार बिना देरी किए इस काले कानून को वापस ले.

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