पीपीपी मोड पर डायलिसिस सेंटर का किया जा रहा संचालन
कोडरमा : कोडरमा सदर अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा शुरू हो गई है. जिससे किडनी संक्रमित मरीजों को काफी लाभ मिल रहा है. पहले डायलिसिस कराने के लिए लोग रांची, पटना सहित दूसरे शहरों में मरीजों को जाना पड़ता था लेकिन अब इन्हें जिले से बाहर जाने की जरूरत नहीं है. अब कोडरमा समेत आसपास के लोग यहां के सदर अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा ले सकते हैं.
हर दिन 8 किडनी मरीजों का होता है डायलिसिस
कोडरमा में पीपीपी मोड पर सदर अस्पताल में डायलिसिस सेंटर का संचालन किया जा रहा है. जहां 4 बेड पर हर दिन 7 से 8 किडनी मरीजों का डायलिसिस किया जाता है. बीपीएल और आयुष्मान धारकों को यह सुविधा निःशुल्क मिलती है जबकि सामान्य मरीजों को 1206 रुपये भुगतान करने पड़ते हैं.
कोडरमा सदर अस्पताल: पहले मरीजों को होती थी परेशानी
जब सदर अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा नहीं थी तब कोडरमा के किडनी मरीजों को रांची, पटना, गया या हजारीबाग जाना पड़ता था. जिसमें उन्हें काफी खर्च होता था और परेशानियों का सामना भी करना पड़ता था, लेकिन अब अपने ही शहर में डायलिसिस की सुविधा मिलने से लोगों को आसानी हो गई है. कई ऐसे मरीज हैं जिन्हें सप्ताह में तीन तीन बार डायलिसिस कराना पड़ता है, ऐसे मरीजों के लिए सदर अस्पताल का यह डायलिसिस सेंटर वरदान साबित हो रहा है.
डायलिसिस के लिए चार बेड पर लगाई गई चार मशीनें
सदर अस्पताल के इस सेंटर में डायलिसिस के लिए चार बेड पर चार मशीनें लगाई गई है. जल्द ही एचआईवी पॉजिटिव के लिए एक और बेड लगाया जाएगा. एक मरीज के डायलिसिस में 4 घंटे का समय लगता है और सेंटर में दो टेक्नीशियन मरीजों की नियमित मॉनिटरिंग भी करते हैं. इसके अलावा कोलकाता के नेफ्रोलॉजिस्ट वीडियो कॉल के जरिए डायलिसिस के लिए यहां आने वाले मरीजों से संपर्क में रहते हैं. टेक्नीशियन राजेश पंडित के मुताबिक डायलिसिस के साथ-साथ किसी भी तरह के कॉम्प्लिकेशन से निपटने के लिए यह डायलिसिस सेंटर काफी है.
कोडरमा सदर अस्पताल: दूसरे जिलों के लोगों को भी मिल रहा लाभ
कोडरमा का सदर अस्पताल सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर से बेहतर बनाने में जुटा है और अब इस दिशा में सदर अस्पताल का यह डायलिसिस सेंटर किडनी संक्रमित मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है. यहां कोडरमा ही नहीं बल्कि कोडरमा से सटे बिहार झारखंड के दूसरे जिलों से भी लोग यहां आकर डायलिसिस करवा रहे हैं.
रिपोर्ट: कुमार अमित