Patna– गाय, बकरी और पठरु से लेकर शौचालय की निगरानी करने वाले शिक्षकों को अब एक और नया काम मिल गया है, बिहार सरकार अब शिक्षकों को शराबियों पर नजर रखने को कह रही है.
दरअसल अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग,संजय कुमार ने अपने ताजा आदेश में नशा मुक्ति को सफल बनाने के लिए शिक्षकों को अपने-अपने क्षेत्रों के शराबियों पर नजर रखने और शराब बेचने वालों की सूची तैयार करने को कहा है. इसके लिए बाजाब्ता एक मोबाइल नम्बर भी जारी किया गया है, जिस पर शिक्षक शराब बेचने और पीने वालो की सूचना सरकार को देंगे.
जब मामला तुल पकड़ने लगा तो शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने इसे बेहद सामान्य मामला बताते हुए कहा कि शराबबंदी को सफल बनाने की अपील तो हर किसी से की गई है, तो इसमें शिक्षकों का शामिल होने पर क्या आपत्ति है. शिक्षक भी इसमें शामिल हो, किसी पर कोई दबाव नहीं है. इस मामले को बेवजह तुल देने की कोशिश की जा रही है.
जबकि विपक्ष इसे तुगलकी फरमान बता रहा है. मुख्य विपक्षी दल राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इसे बेतुका और तुगलकी फरमान बताते हुए सरकार से इसे तुरंत वापस लेने को कहा है.
सत्ता और विपक्ष की राय चाहे जो हो, लेकिन एक बात तो सत्य है कि बिहार में शिक्षकों की घोर कमी है और जो हैं उन्हे पहले से ही पढ़ाई-लिखाई से दूर रख कर पोलियो ड्रॉप, जनगणना, पशुगणना, खुले में शौच पर नजर रखने की जिम्मेवारी दे दी गयी है, अब एक और नयी जिम्मेवारी शराबियों पर नजर रखने की डाल दी गयी.