Ranchi– घंटी आधारित अनुबंध सहायक शिक्षकों ने सरकार और संबंधित एजेंसियों का ध्यान अपनी समस्याओं की ओर आकर्षित करने के लिए रंगुवा, चरका, करिया मुर्गी चराने का निर्णय लिया है. पिछले 10 दिनों से विभिन्न विश्वविद्यालयों और अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों के द्वारा रेगुलराइजेशन, यूजीसी रेगुलेशन के अनुसार न्यूनतम ग्रेड पे या ग्रौस सैलरी फिक्सेशन, टर्मीनेट शिक्षकों का सेवा बहाल करने की मांग के साथ राज भवन के सामने शांति पूर्ण प्रदर्शन किया जा रहा है.
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घंटी आधारित अनुबंध सहायक शिक्षकों लगाया अनसुनी का आरोप
लेकिन झारखंड सरकार यह शिक्षा विभाग की ओर से कोई सुध नहीं ली गयी.
इन शिक्षकों का कहना है कि घंटी आधारित शिक्षक की नियुक्ति पूरे देश में एक नुतन प्रयोग है,
इसके मानदेय में कोई समानता नहीं है.
10 से 15 हजार मासिक आय भी नहीं मिल पाता,
सारी राशि छुट्टी के नाम पर काट ली जाती है.
इस अवसर पर डा. एस के झा,लाल अजय नाथ शाहदेव,ब्रह्मानंद साहू,अंशुल कुमार, डा.अशोक महतो, डा.रामकुमार, डा.त्रिभुवन शाही, डा.मुकेश उरांव, डा भादी उरांव, डा. ए. टेटे, डा नरेंद्र कुमार दास, डा रिझू नायक, डा बीरेंद्र उरांव, प्रो.जुरा होरो, डा बासुदेव महतो, डा अहिल्या कुमारी, प्रो नीलू कुमारी, डा शशि विनय भगत,प्रो आदित्य महतो, डा निवेदिता मुनमुन सहित सैकड़ों सहायक प्राध्यापक मौजूद रहें.
रिपोर्ट- शाहनवाज