गया जिला परिषद की सामान्य बैठक में अधिकारियों की गैरमौजूदगी ने माहौल गर्म कर दिया। दोपहर से शाम तक चली इस बैठक में कई विभागों के अधिकारी नदारद रहे, जिससे पर्षद के सदस्य नाराज हो गए। परिषद अध्यक्ष नैना कुमारी और उपाध्यक्ष शीतल यादव ने इसे गंभीर मुद्दा बताया। पार्षदों ने अधिकारियों के प्रतिनिधियों को बैठक से बाहर कर दिया।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों की अनुपस्थिति पर कड़ी नाराजगी जताते हुए पार्षदों ने कार्रवाई की मांग की। अधिकारियों की गैरमौजूदगी से जनता का काम बाधित होता है और परिषद की साख पर असर पड़ता है।
अध्यक्ष ने उठाया अधिकारियों की जिम्मेदारी का मुद्दा
अध्यक्ष नैना कुमारी ने कहा कि बैठक विकास और शांति पर केंद्रित रही, लेकिन बड़ी संख्या में अधिकारी गैरहाजिर थे। उन्होंने अपने प्रतिनिधि भेज दिए, जो गलत परंपरा है। संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
विकास योजनाओं पर चर्चा
उपाध्यक्ष शीतल यादव ने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री मत्स्य पालन योजना पर चर्चा हुई। इस योजना का फॉर्मेट सभी पर्षद सदस्यों को दिया गया। लीज 2024 और 15वीं वित्त आयोग की योजनाओं पर विचार की गई।
मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल का मुद्दा
बैठक में मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक की गैरमौजूदगी पर सवाल उठाए गए। हालांकि, सिविल सर्जन प्रभात कुमार मौजूद रहे। पर्षद सदस्यों ने अपने क्षेत्रों की समस्याएं उनके सामने रखीं।
विधायक की उपस्थिति
बेलागंज की विधायक मनोरमा देवी ने भी बैठक में भाग लिया। उन्होंने विकास योजनाओं में तेजी लाने और पारदर्शिता पर जोर दिया। गैरहाजिर अधिकारियों पर कार्रवाई और विकास कार्यों में तेजी के साथ बैठक समाप्त हुई।
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गया से आशीष कुमार की रिपोर्ट
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