Thursday, July 31, 2025

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शारदीय नवरात्र के पहले दिन मां थावेवाली के दरबार में लगा भक्तों का तांता

गोपालगंजः शारदीय नवरात्र का आज पहला दिन है. आज सुबह से थावे मां भवानी के दरबार में भक्तों का तांता लगा हुआ है. गोपालगंज जिला मुख्यालय से करीब छह किलोमीटर दूर सिवान जाने वाले मार्ग पर मां थावेवाली का एक प्राचीन मंदिर है. मां थावेवाली को सिंहासिन भवानी, थावे भवानी और रहषु भवानी के नाम से भी भक्तजन पुकारते हैं. ऐसे तो साल भर यहा मां के भक्त आते हैं, लेकिन शारदीय नवरात्र और चैत्र नवारात्र के समय यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है.

मान्यता है कि मां अपने भक्त रहषु भगत के बुलावे पर असम के कमाख्या स्थान से चलकर यहां पहुंची थीं. मां कमाख्या से चलकर कोलकाता (काली के रूप में दक्षिणेश्वर में प्रतिष्ठित), पटना (यहां मां पटन देवी के नाम से जानी गई), आमी (छपरा जिले में मां दुर्गा का एक प्रसिद्ध स्थान) होते हुए थावे पहुंची थीं और रहषु के मस्तक को विभाजित करते हुए साक्षात दर्शन दिए थे. यह एक सिद्धपीठ स्थान है इस मंदिर के पीछे एक प्राचीन कहानी है.

पौराणिक कथाओ के मुताबिक राजा मनन सिंह हथुआ के राजा थे. वे अपने आपको मां दुर्गा का सबसे बड़ा भक्त मानते थे। गर्व होने के कारण अपने सामने वे किसी को भी मां भक्त नहीं मानते थे. इसी क्रम में राज्य में अकाल पड़ गया और  लोग खाने को तरसने लगे. थावे में कमाख्य देवी मां का एक सच्चा भक्त रहषु रहता था. कथा अनुसार रहषु मां की कृपा से दिन में घास काटता और रात को उसी से अन्न निकल जाता था. जिस कारण वहां के लोगों को अन्न मिलने लगा. लेकिन राजा को विश्वास नहीं हुआ.

राजा ने रहषु को ढोंगी बताते हुए मां को बुलाने को कहा. रहषु ने कई बार राजा से प्रार्थना की- कि अगर मां यहां आएंगी तो राज्य बर्बाद हो जाएगा, लेकिन राजा नहीं माने. रहषु की प्रार्थना पर मां कोलकाता, पटना और आमी होते हुए यहां पहुंची. राजा के सभी भवन गिर गए और राजा की मौत हो गई.

मां ने जहां दर्शन दिए, दहां एक भव्य मंदिर है. उसकी कुछ ही दूरी पर रहषु भगत का मंदिर है. मान्यता है कि जो लोग मां के दर्शन के लिए आते हैं, वे रहषु भगत के मंदिर में भी जरूर जाते है. नहीं तो उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है. मंदिर के आसपास के लोगों के अनुसार यहां के लोग किसी भी शुभ कार्य के पूर्व और उसके पूर्ण हो जाने के बाद यहां आना नहीं भूलते. यहां मां के भक्त प्रसाद के रूप में नारियल, पेड़ा और चुनरी चढ़ाते है. श्रद्धालुओ के भीड़ की वजह से जिला प्रशासन के द्वारा यहां काफी मात्रा में सुरक्षा बल तैनात किया गया है. जगह जगह सीसीटीवी लगाया गया है.

रिपोर्टः सुशील श्रीवास्तव

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