Ranchi- झारखण्ड राज्य पासवा के अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे, उपाध्यक्ष लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं महासचिव डा.राजेश गुप्ता छोटू ने कहा है एक तरफ राज्य के सभी स्कूल और कॉलेज बंद है, वहीं दूसरी तरफ 9 जनवरी को राज्य में स्थापित सैनिक स्कूल में प्रवेश हेतु ऑल इंडिया सैनिक स्कूल एंट्रेंस एग्जाम (एआईएसएसईई)का आयोजन किया गया. इसके लिए राज्य के कई जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए, जिसमें हजारों की संख्या में बच्चों ने भाग लिया.
लेकिन सवाल यह है कि जब राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण में बढ़ोतरी को देखते हुए सभी स्कूल कॉलेज और शैक्षिणक संस्थानों को 15 जनवरी तक बंद रखने का आदेश दिया है तो फिर इस परीक्षा की अनुमति कैसे दी गई.
वैसे पासवा पदाधिकारियों ने कहा हम परीक्षा लिए जाने का विरोध नहीं करते, बल्कि समर्थन करते हैं. क्योंकि यदि स्कूल कॉलेज नहीं खुलेगा तो बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा. कोरोना का भय दिखाकर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना कह़ीं से भी उचित नहीं है. बच्चे मॉल, दुकान, पार्क, बाजार, धार्मिक स्थल, पिकनिक, खेल के मैदान में जा रहे हैं, ऐसे में सिर्फ स्कूल जाने से ही बच्चे संक्रमित हो जाएंगे, यह सोचना ठीक नहीं है. राज्य में संचालित 47 हजार निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के भविष्य को देखते हुए,वहां कार्यरत लाखों शिक्षकों कर्मचारियों के जीवन यापन को ध्यान में रखते हुए सरकार को स्कूल खोलने पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए और किशोरों के टीकाकरण को शत प्रतिशत सफल करने के लिए निजी स्कूलों का सहयोग लिया जाना चाहिए.
यहां आपको बता दें कि इस परीक्षा के दौरान धनबाद जिले में बड़ी संख्या में बच्चों को संक्रमित मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. स्वास्थ्य विभाग ने सभी बच्चों को होम आइसोलेसन की अनुमति दे दी है