रांची: पूरे राज्य में सामान्य से कम वर्षा ने किसानों की चिंता बढ़ा दिया है। 17 जुलाई तक के आंकड़ों को देखे तो अब तक सामान्य वर्षापात359.8 मिमी होनी चाहिए थी लेकिन अभी तक 188.1 मिमी तक सिमटकर रह गई है।
वहीं रांची में सामान्य वर्षापात 371 मिमी की जगह 187.2 मिमी रिकार्ड किया गया है। कम वर्षा के कारण धान की रोपाई प्रभावित हो रही है। ट्यूबवेल से सिंचाई करके धान की रोपनी हो रही है।
इससे किसानों की लागत बढ़ रही है। उन्हें चिंता है कि अगर तेज वर्षा नहीं हुई तो फिर सिंचाई करनी पड़ेगी। यह आंकड़ा आगामी दिनों किसानी और आम जनजीवन के लिए भयावह तस्वीर पेश कर सकता है।
हालांकि, पिछले कुछ दिनों से हो रही रिमझिम वर्षा के बाद किसानों ने खेतों का रूख किया है और बिचड़े लगाकर किसानी की शुरुआत कर दी है। उम्मीद से कम वर्षापात के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में खरीफ फसलों को बड़ा नुकसान होने की संभावना बताई जा रही है तो दूसरी ओर रांची के छह ड्राई जोन की स्थिति और बिगड़ सकती है।
प्री-मानसून के बाद जून और जुलाई माह में कम वर्षापात के बाद अगस्त और सितंबर माह के लौटते मानसून में होने वाले वर्षापात से किसानों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
उधर, कम वर्षा से शहर में जल प्रबंधन की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण ड्राई जोन का जलस्तर सुधर नहीं सकता है। लिहाजा आगामी दिनों इन छह जगहों की स्थिति और विषम होगी।
मौसम विज्ञान केंद्र रांची द्वारा जारी पूर्वानुमान की बात करें तो राजधानी रांची में 23 जुलाई तक सामान्यतः बादल छाए रहेंगे और हल्की व मध्यम दर्जे की वर्षा होने की संभावना बनी रहेगी।
वहीं 21 जुलाई को राज्य के दक्षिणी हिस्से यानी पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा और सरायकेला खरसावां के अलावे पश्चिमी हिस्से यानी लातेहार, लोहरदगा, कोडरमा, चतरा, पलामू, गढ़वा जैसे जिलों में कहीं कहीं भारी वर्षा की संभावना है। इसे लेकर मौसम विज्ञान केंद्र रांची ने यलो अलर्ट जारी किया है।