गया : बिहार के गया में अफीम की खेती के खिलाफ ऑपरेशन क्लीन शुरू किया गया है। ऑपरेशन क्लीन के तहत गया पुलिस, सुरक्षा बल, उत्पाद विभाग, वन विभाग और नारकोटिक्स की संयुक्त टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। पिछले 10 दिनों में ऑपरेशन क्लीन के तहत तकरीबन 152 एकड़ में लगी अफीम की खेती को नष्ट किया गया है।
गया जिले में अफीम की खेती व्यापक तौर पर होती रही है। इस वर्ष भी नक्सलियों और माफियाओं के गठजोड़ से बड़े भूभाग में अफीम की खेती लगाई गई है। यह खेती रेयती जमीन, बिहार सरकार की जमीन और वन विभाग की जमीन में लगाई गई है। हालांकि इससे निपटने के लिए इस बार गया पुलिस प्रशासन के द्वारा ऑपरेशन क्लीन शुरू किया गया है। ऑपरेशन क्लीन के तहत अफीम की खेती को पूरी तरह से नष्ट किया जाना है।
पिछले पांच दिसंबर से अफीम की खेती के खिलाफ ऑपरेशन क्लीन चलाया जा रहा है। इस क्रम में अबतक 152 एकड़ में लगी अफीम की खेती को नष्ट किया जा चुका है। गुरुवार को बाराचट्टी के बड़की चापी और बांकेबाजार के भोक्तौरी के इलाके में ऑपरेशन क्लीन के तहत ऑपरेशन चलाया गया। इस ऑपरेशन के तहत करीब 29 एकड़ में लगे अफीम की खेती को नष्ट किया गया है। अबतक यह अभियान बाराचट्टी, बांकेबाजार और लुटुआ समेत कुछ थाना क्षेत्रों में चलाया गया है।
अफीम की खेती के लिए शेरघाटी और इमामगंज अनुमंडल के कई थाना क्षेत्र अंतर्गत इस तरह की खेती पिछले कई देशकों से हो रही है। जिस पर अब तक पूरी तरह से नकेल नहीं कसा जा सका है। यह दुस्साहस ही है कि इस बार भी अफीम की खेती बड़े भूभाग में लगाई गई है। शेरघाटी और इमामगंज के नक्सल प्रभावित कई थाना इलाकों में अफीम की खेती लगाई गई है। हालांकि अब प्रशासन के कान खड़े हुए हैं और दिसंबर के पहले सप्ताह से ऑपरेशन क्लीन शुरू किया गया है।
इस संबंध में गया एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि ऑपरेशन क्लीन की तहत अफीम की खेती के खिलाफ अभियान चल रहा है। अफीम की खेती करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमारा लक्ष्य है कि अफीम की खेती किसी भी सूरत में नहीं होने देना है। इसे लेकर जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। यदि किन्हीं को अफीम की खेती के बारे में जानकारी देनी है, तो वह पुलिस से संपर्क कर सकते हैं। उनका नाम गोपनीय रखा जाएगा। फिलहाल ऑपरेशन क्लीन का अभियान जारी है।
आशीष कुमार की रिपोर्ट