रांची : झारखंड हाई कोर्ट परिसर में बुधवार को हुई एडवोकेट्स एसोसिएशन की आमसभा में बेंच गठन को लेकर गहरा असंतोष सामने आया। वकीलों ने आरोप लगाया कि न्यायालय में बेंचों का असंतुलित गठन सिविल और आपराधिक मामलों की सुनवाई को प्रभावित कर रहा है, जिससे लंबित मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है और मुवक्किलों को भी गंभीर असुविधा हो रही है।
दो प्रमुख प्रस्ताव पारित
वकीलों की आमसभा में सर्वसम्मति से दो प्रमुख प्रस्ताव पारित किए गए:
10 जुलाई को मुख्य न्यायाधीश की अदालत में वकालत कार्य ठप रखा जाएगा।
11 जुलाई से सभी वकील सफेद रिबन पहनकर शांतिपूर्ण प्रतीकात्मक विरोध दर्ज करेंगे।
बेंच रोस्टर में बदलाव की मांग रही अस्वीकार
एडवोकेट्स एसोसिएशन ने पूर्व में मुख्य न्यायाधीश से मिलकर बेंच रोस्टर में संशोधन की मांग की थी, ताकि मामलों का निष्पक्ष और समान वितरण सुनिश्चित हो सके। लेकिन उनकी मांग को खारिज कर दिया गया, जिससे वकीलों में नाराजगी और आक्रोश देखने को मिला।
लंबित मामलों का बोझ बढ़ा
वकीलों ने कहा कि बेंचों के असमान वितरण से कई अहम मामलों की सुनवाई समय पर नहीं हो रही है। इससे न्याय में देरी, और न्यायिक प्रक्रिया में अविश्वास का माहौल बन रहा है।
आगे भी जारी रह सकता है आंदोलन
हालांकि वर्तमान विरोध प्रतीकात्मक और शांतिपूर्ण है, लेकिन एसोसिएशन ने संकेत दिया है कि यदि रोस्टर में संतुलन नहीं लाया गया, तो आंदोलन और तेज किया जा सकता है।
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