गिरिडीह: जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत स्वतः निबंधन और अनुशंसित लाभुकों की सूची में व्यापक फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस घोटाले में अपात्र व्यक्तियों को गलत दस्तावेजों के आधार पर लाभुक बनाए जाने की आशंका है। गिरिडीह के अलावा अन्य जिलों में भी इसी तरह की अनियमितताओं की संभावना जताई जा रही है।
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राज्य सरकार ने दिए सख्त जांच के निर्देश
कृषि सचिव अबुबकर सिद्दीख पी ने राज्य के सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि अंचल स्तर पर लाभुकों के सत्यापन की बारीकी से जांच की जाए। उन्होंने पत्र जारी कर कहा है कि प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत लाभुकों के सत्यापन की दिशा-निर्देशों और प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए।
कृषि सचिव ने स्पष्ट किया कि गलत तरीके से अनुशंसित लाभुकों की जिम्मेदारी तय करने के लिए अंचल से लेकर जिला स्तर तक गहन छानबीन की जाए और इसमें शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
गिरिडीह जिले में छह संदेहास्पद लाभुक मिले
राज्य स्तरीय जांच में गिरिडीह जिले में कम से कम छह ऐसे लाभुक मिले हैं, जिनके दस्तावेज संदेहास्पद पाए गए हैं। जांच में यह सामने आया है कि कई आवेदकों ने पीएम किसान पोर्टल पर अपलोड की गई वंशावली की जानकारी और भूमि की रसीद में भिन्नता दिखाई है। इसके अलावा, एक ही भूमि की रसीद कई आवेदकों द्वारा पोर्टल पर अपलोड की गई है, जिससे इस योजना में बड़े पैमाने पर धांधली की आशंका बढ़ गई है।
अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका
सालाना 6000 रुपये की सहायता राशि के लिए स्वतः निबंधन के माध्यम से किए गए कई आवेदनों में अनियमितताएं पाई गई हैं। इस घोटाले में प्रखंड और जिला कृषि कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है। कृषि सचिव ने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि संदेहास्पद मामलों की गहन जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
सख्त सत्यापन प्रक्रिया की जरूरत
कृषि सचिव ने कहा कि पीएम किसान योजना के पोर्टल पर आवेदन करने के बाद सबसे पहले अंचल कार्यालय को दस्तावेजों की जांच करनी होती है। उसके बाद जिला स्तर पर इन आवेदनों का ऑनलाइन सत्यापन किया जाता है। इस प्रक्रिया में किसी भी तरह की लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्या है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना?
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देशभर के किसानों को सालाना 6000 रुपये की सहायता राशि दी जाती है। झारखंड में इस योजना के तहत करीब 22.72 लाख किसानों को लाभ मिल रहा है। पहले इस योजना के लिए पंचायत और प्रखंड स्तर पर सत्यापन और पंजीकरण किया जाता था, लेकिन दो साल पहले किसानों की सुविधा के लिए पोर्टल पर स्वतः निबंधन की सुविधा दी गई। हालांकि, अब इसी प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की शिकायतें सामने आ रही हैं।
राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी जिलों को सख्त निर्देश दिए हैं कि लाभुकों के सत्यापन में पूरी सावधानी बरती जाए और गलत लाभुकों को पोर्टल पर न भेजा जाए। दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।