Ranchi : केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड (CUJ) के शिक्षा विभाग द्वारा “आईसीटी सक्षम शोध तकनीक” विषय पर एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह व्याख्यान त्रिभुवन विश्वविद्यालय, काठमांडू, नेपाल के प्रतिष्ठित प्रोफेसर, डॉ. दीर्घ राज जोशी द्वारा प्रस्तुत किया गया।
डॉ. जोशी ने अपने व्याख्यान में गुणात्मक शोध में एटलस सॉफ्टवेयर, एएमओएस सॉफ्टवेयर, गुणवत्तापूर्ण शोध-पत्र लेखन की तकनीकें तथा शोध कार्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की।उन्होंने कहा कि शिक्षाविदों को उन्नत तकनीकी विकास और एआई का लाभ उठाना चाहिए और प्रभावशाली अनुसंधान करना चाहिए। उन्होंने आगे गुणवत्तापूर्ण पत्रिकाओं के प्रकार, प्रकाशन प्रक्रिया, प्रतिष्ठित पत्रिकाओं के लिए स्वरूपण की आवश्यकताएँ तथा स्ट्रक्चरल इक्वेशन मॉडल (SEM) के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
शिक्षाविदों को उन्नत तकनीकी विकास और एआई का लाभ उठाना चाहिए और प्रभावशाली अनुसंधान करना चाहिए। – डॉ. दीर्घ राज जोशी, त्रिभुवन विश्वविद्यालय, काठमांडू, नेपाल
इस कार्यक्रम में स्कूल ऑफ एजुकेशन के डीन, प्रो. तपन कुमार बसंतिया तथा शिक्षा विभाग के अध्यक्ष, प्रो. विमल किशोर की गरिमामयी उपस्थिति रही। प्रोफेसर तपन कुमार बसंतिया ने कहा कि इस तरह के आयोजनों का उद्देश्य भारतीय उपमहाद्वीप और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शिक्षाविदों को लाकर सीयूजे के विद्वानों के बीच ज्ञान साझा करने को बढ़ावा देना है।
कार्यक्रम का सफल संयोजन, डॉ. मनोहर कुमार दास एवं डॉ. मानवी यादव, सहायक प्रोफेसर द्वय, शिक्षा विभाग द्वारा किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के 50 से अधिक शोधार्थियों और प्राध्यापकों ने भाग लिया।
यह व्याख्यान प्रतिभागियों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक और मार्गदर्शक सिद्ध हुआ, जिसने युवा शोधकर्ताओं को आईसीटी आधारित शोध पद्धतियों, अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन मानकों एवं शैक्षणिक लेखन की नवीन विधियों से अवगत कराया।