पुरातत्व निदेशालय के द्वारा किया गया Internship के लिए चयनित छात्रों का उन्मुखीकरण

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पुरातत्व निदेशालय के द्वारा किया गया नवचयनित प्रशिक्षुओं का उन्मुखीकरण । बिहार में पहली बार शुरू किया गया पुरातत्व से संबंधित विभिन्न विधाओं के छात्रों के लिए Internship

पटना: बिहार संग्रहालय के सभागार में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के पुरातत्व निदेशालय के द्वारा नवचयनित प्रशिक्षुओं (इंटर्न) के लिए उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुरातत्व निदेशालय के निदेशक राहुल कुमार ने कहा कि निदेशालय ने 20 छात्रों के इंटर्नशिप कार्यक्रम के लिए विज्ञापन दिया था जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के 40 विश्वविद्यालयों से 246 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 89 छात्र निर्धारित अहर्ता के अनुसार योग्य पाए गए एवं उनमें से 20 छात्रों को इंटर्नशिप के लिए चुना गया है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब पुरातत्व निदेशालय के द्वारा संबंधित विधाओं के छात्रों के लिए इंटर्नशिप की शुरुआत की जा रही है।

3 माह के इस इंटर्नशिप को प्रशिक्षुओं के संतोषजनक प्रदर्शन के आधार पर 3 और माह के लिए बढ़ाया जा सकता है। इस दौरान छात्रों को स्टाइपेंड के रूप में प्रति माह 25,000 रूपये की राशि दी जाएगी। चयनित 20 छात्रों में 9 राज्यों (बिहार, झारखण्ड, आसाम, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, हिमाचल, दिल्ली, राजस्थान और मध्यप्रदेश) के 12 विश्वविद्यालयों के छात्र शामिल हैं।

इस इंटर्नशिप से छात्रों के शैक्षणिक ज्ञान के साथ ही उनके व्यावहारिक ज्ञान में भी वृद्धि होगी। कार्यक्रम के दौरान आयोजित तकनीकी सत्र के दौरान छात्रों को विभिन्न विशेषज्ञों ने संबोधित किया। बिहार विरासत समिति के कार्यपालक निदेशक डॉ सुजीत नयन ने पुरास्थलों, स्मारकों एवं संग्रहालय में किए जाने योग्य तथा न किए जाने योग्य कार्यों के संबंध में जानकारी दी।

बिहार संग्रहालय के अपर निदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने बिहार संग्रहालय के संबंध में जानकारी देते हुए बिहार की विरासत एवं लोक कला के संबंध में जानकारी प्रदान की। बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय, वैशाली के संग्रहालय अध्यक्ष डॉ विमल तिवारी ने पुरास्थल स्मारकों एवं संग्रहालय में दर्शकों के साथ समन्वय के बारे में बताया।

कला, सस्कृति एवं युवा विभाग के पुरातत्व विशेषज्ञ डॉ तपन भट्टाचार्य ने पावरप्वाइंट प्रस्तुति के माध्यम से पुरातात्विक संरक्षण के संबंध में जानकारी प्रदान की तथा विभाग द्वारा प्रस्तावित संरक्षण की आगामी योजनाओं के बारे में बताया। कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन चंद्रधारी संग्रहालय दरभंगा के संग्रहालय अध्यक्ष डॉ शंकर कुमार सुमन ने किया।

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन देते हुए विशेष कार्य पदाधिकारी, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, कहकंशा ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए विभाग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रशिक्षुओं ने बिहार संग्रहालय का भ्रमण किया। इन सभी प्रशिक्षुओं को बिहार के विभिन्न संग्रहालयों तथा पुरस्थलों के साथ जोड़ा जायेगा।

https://www.youtube.com/@22scopebihar/videos

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पटना से विवेक रंजन की रिपोर्ट

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