रोहतास/औरंगाबाद: मंगलवार को जम्मू कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। पहलगाम आतंकी हमले में बिहार के रोहतास के रहने वाले आईबी अधिकारी मनीष रंजन को भी आतंकियों ने निशाना बनाया और उनकी पत्नी और बच्चों के सामने ही उन्हें गोलियों से भून दिया। मनीष रंजन मूल रूप से रोहतास के करगहर थाना क्षेत्र के अरुही गांव के रहने वाले थे जबकि उनका परिवार पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिला के झालदा में रहता है। Pahalgam Pahalgam Pahalgam Pahalgam
मनीष रंजन के पिता मंलगेश मिश्रा झालदा में उच्च विद्यालय के शिक्षक पद से सेवा निवृत हैं। मनीष की निधन के बाद उनके परिवार समेत पूरा पैतृक गांव शोक में डूब गया। बताया जा रहा है कि मंगलेश बच्चे की आँखों के सामने उनकी पिता की हत्या से सदमे चले गये हैं। रोहतास में मनीष के पैतृक गांव में उनके चाचा चाची समेत पूरा गांव शोक में डूबा हुआ है। मनीष के चाचा चाची समेत पूरे गांव के लोगों ने भारत सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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दूसरी तरफ औरंगाबाद के नबीनगर थाना क्षेत्र के बेलाई गांव स्थित मनीष के ननिहाल में भी शोक की लहर दौड़ गई। मनीष के नाना व जिले के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ सुरेन्द्र प्रसाद मिश्रा एवं उनकी पत्नी पर दुखों पर पहाड़ टूट पड़ा है। उन्होंने बताया कि मनीष ने जम्मू कश्मीर की यात्रा के बाद 30 अप्रैल को औरंगाबाद आने का वादा किया था लेकिन आतंकियों ने उसकी जान ले ली। उन्होंने आतंकियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
बता दें कि मनीष रंजन आईबी हैदराबाद में पदस्थापित थे। वे तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। उनके दो भाइयों में से एक झारखंड में उत्पाद विभाग के अधिकारी हैं तो दूसरे भाई छत्तीसगढ़ में खाद्य निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। मिली जानकारी के अनुसार मनीष रंजन का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव अरुही लाया जायेगा जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा।
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महीप राज एवं रुपेश कुमार की रिपोर्ट