रांची: पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर प्रोजेक्ट भवन का घेराव करने के लिए निकले थे, लेकिन गोलचक्कर के पास पुलिस की ओर से रोक दिया गया था.बता दे की प्रोजेक्ट भवन के रास्ते ने बैरिकेडिंग कर उन्हे आगे जाने की अनुमति नही दी गई.
लेकिन कर्मियों की ओर से बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश लगातार की जा रही थी, पुलिस बार-बार उन्हें रोकने का प्रयास कर रही थी. लेकिन वो मानने को तैयार नहीं थे.
बता दें कि संघ के घेराव को लेकर रांची पुलिस ने मंगलवार रात से ही प्रोजेक्ट भवन के 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लगा दी थी. इसके बावजूद संघ के कर्मचारी प्रोजेक्ट भवन घेराव करने पहुंचे थे.खबर लिखते वक्त कुछ प्रतिनिधिमंडल ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से मिलने पहुंचे थे.
89 दिनों से राजभवन में कर रहे थे आंदोलन
सेवा स्थाईकरण और अन्य मांगों को लेकर पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ पिछले 89 दिनों से राजभवन के समक्ष धरना दे रहे,और लंबे समय से सरकार की अपनी मांगों से अवगत कराने की कोशिश भी कर रहे थे इस बीच पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों का गुस्सा सड़क पर देखने को मिला. प्रोजेक्ट भवन घेराव करने पहुंचे राज्यभर के पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक जैसे ही धुर्वा गोल चक्कर से प्रोजेक्ट भवन की ओर बढ़ने की कोशिश किए पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई.
सरकार से मांगें पर कुछ पहल करने की कर रहे अपील
मानदेय के रूप में सरकार की ओर से अलग-अलग कार्यों के लिए राशि निर्धारित की गई थी.बता दे की पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ ने सरकार पर मानदेय की राशि भी बकाया होने का लगाया है.गौरतलब है कि शुरू के वर्षों में इन पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों को ग्रामीण विकास के माध्यम से पैसे मिलते थे लेकिन 2019 के बाद उनकी परेशानी बढ़ती चली गईं और कर्मी इसको लेकर लगातार अपनी आवाज को उठाते नजर आते इस बीच इनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन कई बार दिया जा चुका है. मगर अभी तक इसे लागू नहीं किए जाने से कर्मी काफी परेशान है. सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने के लिए दबाव बना रहे हैं.ताकि उनकी जो मांग है वो पूरा हो जाए और परेशानी से जूझ रहे है उसका समाधान हो जाए.
संघ की पांच सूत्री मांगें
स्वयं सेवकों की सेवा स्थायी की जाये.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से वार्ता करें.
नियमित मानदेय लागू किया जाए
स्वयं सेवकों का समायोजन किया जाए
संघ का नाम बदलकर पंचायत सहायक किया जाए