रांचीः पंचायत स्वयंसेवक संघ ने सेवा स्थायीकरण के साथ 5 मुख्य मांगों के समर्थन में आंदोलन किया था, जिसमें वे ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के आवास पर नंग-धड़ंग प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन आज, संघ के अध्यक्ष चंद्रदीप कुमार ने आंदोलन को अपरिहार्य कारणों के चलते स्थगित कर दिया है।
संघ के अध्यक्ष ने बताया कि इस आंदोलन को स्थगित करने के पीछे कई कारण हैं, जैसे कि प्रदेश अध्यक्ष की माता जी का असामयिक निधन और कुछ पंचायत स्वयंसेवकों के बीमार होने के कारण है। उन्होंने कहा कि लगभग 75 दिनों से सरकार के कोई अधिकारी उनके आंदोलन की सुधि लेने नहीं आए हैं, इसके चलते वे अब आर-पार की लड़ाई की ओर बढ़ रहे हैं।
उनका दावा है कि सरकार ने सेवा स्थायीकरण की बात के साथ ही कर्मचारियों के बकाया मानदेय का भी भुगतान नहीं किया है, जिससे कर्मचारियों का बकाया सरकार पर है, और यह बकाया ढाई से तीन लाख तक है।
झारखंड में पंचायत स्वयंसेवकों की नियुक्ति 2016 में हुई थी, जिसमें आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए करीब 18 हजार युवाओं को नियुक्त किया गया था। उन्हें सरकार के जन कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी थी, और उन्हें इस काम के लिए अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग राशि निर्धारित की गई थी।