1 लाख में से करीबन 2 प्रतिशत लोगों में होता है इस तरह का ट्यूमर
रांची : धुर्वा स्थित पारस एचईसी अस्पताल ने स्वास्थ्य चिकित्सा के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है.
पारस एचईसी अस्पताल के योग्य डॉक्टरों की टीम ने बहुत ही दुर्लभ रे
ट्रोपेरिटोरियल लाइपोमा (Retroperitoneal Lipoma) की सर्जरी करने में सफलता हासिल की है.

सांस लेने में हो रही थी तकलीफ
66 वर्षीय सबीना तिर्की के इस ट्यूमर की वजह पेट, किडनी और फेफड़ों पर दबाव बढ़ा हुआ था.
जिस वजह से मरीज़ को उल्टियां हो रही थी और शौच करने में भी समस्या आ रही थी.
फेफड़ो पर दबाव के कारण सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी.
इन सभी कारणों की वजह से जल्द ही सर्जरी करने का निर्णय लिया गया.
जिसके बाद सबीना के पेट से फुटबाल के आकार (20cm x30cm) का ट्यूमर निकाला गया. इस ट्यूमर का वजन 2.5 किलो से भी ज़्यादा का है. इस ट्यूमर को निकालने में डॉक्टरों की टीम को 3 घंटे का समय लगा.
बेहद खतरनाक होता है ये ट्यूमर
इस सर्जरी के बारे में बताते हुए डॉ (मेजर) रमेश दास, डायरेक्टर, जनरल सर्जरी, पारस एचईसी अस्पताल, रांची ने बताया कि, ‘‘रेट्रोपेरिटोरियल ट्यूमर एक बेहद दुर्लभ ट्यूमर है जो कि 1 लाख लोगों में से 2 प्रतिशत से भी कम लोगों में होता है. इसका आकार काफी बड़ा होता है. पेट के पिछले हिस्से में होने की वजह से यह बेहद खतरनाक भी हो जाता है’’.
इन डॉक्टरों ने की सफल सर्जरी
उन्होंने बताया कि रेट्रोपेरिटोरियल लाइपोमा एक ट्यूमर होता है, जिसको की वेनायल ट्यूमर बोलते हैं और ये बहुत सारे फैट सेल्स यानी चर्बी वाले सेल्स से मिलकर बनते है, जिसे ट्यूमर ऑफ फैटी सेल्स बोलते हैं. इस सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम जनरल सर्जन डॉ. (मेजर) रमेश दास और डॉ. ओमप्रकाश ने किया. साथ ही एनेस्थीसिया टीम से डॉ. शिव अक्षत और डॉ. प्रियंका शामिल रहे.
रिपोर्ट: मदन सिंह
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