कोयला उत्पादन की होड़ में दुर्घटना को आमंत्रण, मौत के साये में जीने को मजबूर लोग

निरसाः बीसीसीएल एरिया-12 दहीबाड़ी परियोजना के.सी पैच की बसंतीमाता कोलियरी शुक्रवार के दिन अचानक आग की लपटों और धुआं से भर गया। आग के कारण पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। के.सी पैच के आसपास रहने वालों को अपनी मौत नजदीक नजर आने लगी।

बता दें कि आग के बवंडर से मात्र 30 मीटर की दूरी पर 183 परिवार बसा हुआ है। देखकर ऐसा लगता है कि जैसे कि जिला प्रशासन और प्रबंधन 183 परिवारों की मौत का इंतजार कर रहा है। स्थानीय ग्रामीण बतलाते है कि कोई इनकी सुनने वाला नहीं है। अगर कुछ मिला है तो वह है सिर्फ आश्वासन।

बता दें कि इस क्षेत्र में पहले ही इंक्लाइंन चल चुका है। जिसके कारण नीचे की जमीन खोखली है। फिर भी नियमों को ताक पर रख सी पैच में जबरन ब्लास्टिंग और कोयले का उत्पादन किया जा रहा है। वही दिन शुक्रवार को निकले आग के बवंडर और धुएं ने लोगों के मन में दहशत भर दिया।

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शुक्रवार को BCKU के बैनर तले पूर्व मुखिया शीला मुर्मू के नेतृत्व में ग्रामीणों ने बसंतीमाता का कामकाज ठप्प कर दिया गया। सूचना मिलते ही प्रबंधन और पंचेत पुलिस घटनास्थल पर पहुंच ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया।

BCKU के क्षेत्रीय सचिव बबलू दास और पूर्व मुखिया शीला मुर्मु ने बताया कि सी पैच की दहीबाड़ी परियोजना के पास रहने वालों को  सुरक्षित स्थान पर आवास मुहैया कराने के लिए प्रबंधन से लगातार मांग की जा रही है। लेकिन प्रबंधन को सिर्फ उत्पादन ही नजर आ रहा है, लोगों की की जिन्दगी कोई मायने नहीं रखती।  आज जब आग की भयंकर लपटें निकलने लगी तो मजबूर होकर हमें कामकाज ठप्प करना पड़ा। जब तक समस्या का समाधान तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

जबकि बसंतीमाता प्रबंधन का कहना है कि यह क्षेत्र अग्नि प्रभाभित है और निवास के लिए असुरक्षित है, इस बाबत पहले से ही बोर्ड लगाया गया है, बाबजूद लोग इस क्षेत्र में जबरन रह रहे है।

रिपोर्ट:-संदीप कुमार शर्मा

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