नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में ऊर्जा आत्मनिर्भरता को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने बताया कि भारत इस वर्ष के अंत तक ‘मेड इन इंडिया’ चिप बाजार में उतारेगा, जिससे तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत को पेट्रोल, डीजल और गैस के आयात पर भारी खर्च करना पड़ता है, लेकिन बीते 11 वर्षों में देश ने सौर ऊर्जा उत्पादन में 30 गुना वृद्धि हासिल की है। साथ ही, हाइड्रो पावर के विस्तार और ‘मिशन ग्रीन हाइड्रोजन’ के तहत हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है।
परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी पहल का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि वर्तमान में 10 नए न्यूक्लियर रिएक्टर तेज़ी से कार्य कर रहे हैं और 2047 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता को 10 गुना से अधिक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि अब प्राइवेट सेक्टर को भी परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति दी गई है, जिससे ऊर्जा क्षेत्र में नई शक्ति का संचार होगा।
प्रधानमंत्री ने गर्व के साथ कहा कि भारत ने 2030 तक 50% क्लीन एनर्जी का जो लक्ष्य रखा था, वह 2025 में ही हासिल कर लिया गया है। इससे भारत की संकल्प शक्ति और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी स्पष्ट होती है।
पीएम मोदी ने समुद्री ऊर्जा संसाधनों के दोहन के लिए नेशनल डीप वाटर एक्सप्लोरेशन मिशन की शुरुआत की भी घोषणा की, जिसके तहत समुद्र के भीतर तेल और गैस के भंडार खोजे जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने ‘नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन’ का भी जिक्र किया, जिसके तहत 1200 से अधिक स्थानों पर खोज कार्य जारी है, ताकि क्रिटिकल मिनरल्स के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता हासिल की जा सके।