लाल किले से बोले पीएम मोदी – अब सेकुलर सिविल कोड की ओर चलें, सांप्रदायिक सिविल कोड में बिता लिए 75 साल

लाल किले पर तिरंग को सैल्यूट करते पीएम मोदी

डिजीटल डेस्क : लाल किले से बोले पीएम मोदी – अब सेकुलर सिविल कोड की ओर चलें, सांप्रदायिक सिविल कोड में बिता लिए 75 साल। देश के 78वें स्वाधीनता दिवस पर 11वीं बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से 2047 में विकसित भारत के सपने का खाका पेश किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते एक दशक में कई ऐसे सुधार किए गए हैं, जिनका असर अब दिखने लगा है और पूरी दुनिया में भारत की छवि सुधरी है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यूनिफॉर्म सिविल कोड, बांग्लादेश के हालात, बुनियादी ढांचे के विकास, सामान्य मानविकी की समस्याओं के निदान, निवेश आदि मुद्दों पर अपने विचार रखे। प्रधानमंत्री ने आगाह करते हुए ये भी कहा कि कुछ लोग देश को निराशा के गर्त में डुबोना चाहते हैं,लेकिन हमें उनसे सावधान रहना होगा। अब हम सेकुलर सिविल कोड की ओर चलें, साप्रदायिक सिविल कोड में हमने 75 साल बिता लिए हैं।

यूनिफॉर्म सिविल कोड के साथ ही भ्रष्टाचार-परिवारवाद पर भी खुलकर बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से कहा कि  ‘हमारे देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड की चर्चा चल रही है। देश की सुप्रीम कोर्ट भी हमें यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए कह रही है और देश के संविधान निर्माताओं का भी ये सपना था। जो कानून धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं, जो ऊंच नीच का कारण बनते हैं।

वैसे कानूनों के लिए देश में कोई जगह नहीं हो सकती। हमने सांप्रदायिक सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं, अब हमें सेक्युलर सिविल कोड की तरफ जाना होगा।’ पीएम मोदी ने कहा कि वो कानून जो देश को धर्म के नाम पर बांटते हैं उन्हें दूर किया जाना चाहिए। देश में एक सेकुलर सिविल कोड की जरूरत है और गलत कानूनों का आधुनिक समाज में कोई जगह नहीं है।

पीएम मोदी ने कहा कि मौजूदा नागरिक संहिता एक कम्युनल नागरिक संहिता है। अब हमें एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की आवश्यकता है। इसी क्रम में पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार और परिवारवाद पर प्रहार किया और कहा, ‘हमारा हर देशवासी भ्रष्टाचार के दीमक से परेशान रहा है, इसलिए हमने व्यापक रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ी है। मुझे इसकी कीमत भी चुकानी पड़ती है लेकिन अपनी प्रतिष्ठा राष्ट्र से बड़ी नहीं हो सकती।

भ्रष्टाचार के प्रति लोगों के गुस्से और राष्ट्र की प्रगति में होने वाले नुकसान  को देखते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई ईमानदारी के साथ जारी रहेगी,तीव्र गति से जारी रहेगी और भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई जरूर होगी। मैं उनके लिए भय का वातावरण पैदा करना चाहता हूं। देश के सामान्य नागरिक को लूटने की जो परंपरा बनी है उस परंपरा को मुझे रोकना है’।

लाल किले से देश को संबोधित करते पीएम मोदी

पीएम मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा को याद किया, बोले – बिना राजनीतिक जुड़ाव वाले 1 लाख युवाओं को राजनीति में लाएंगे

‘हमारा सामाजिक दायित्व है जो लोग पीछे रह जाते हैं उन्हें भी साथ लेकर आगे बढ़ें। हम किसानों, आदिवासी भाई बहन, माता-बहनें, मजदूर, श्रमिक साथियों, सभी को हमारी बराबरी में लाने का प्रय़ास करना है। इसके बाद हमारी ताकत बहुत बढ़ जाएगी और बहुत संवेदना के साथ हमें इस काम को करना है।

हमें पता है कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के पहले भी हमारा एक आदिवासी ने अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया था। जिन्हें हम भगवान बिरसा मुंडा के रूप में पूजते हैं। वो हमारे लिए प्रेरणा का काम करते हैं। भगवान बिरसा मुंडा की जब हम 150वीं जयंती मनाएं तो हम हर वर्ग को लेकर साथ चलें। इस संकल्प को लेकर चलना है।’

इसी क्रम में परिवारवाद को भारतीय सियासत से खत्म करने पर भी पीएम मोदी ने जोर दिया। कहा कि हमें भारत की राजनीति को जाति-आधारित और वंशवादी राजनीति से मुक्त करने की आवश्यकता है।

हम जल्द ही ऐसे एक लाख युवाओं को आगे लाना चाहते हैं जिनके परिवार में कोई राजनीतिक जुड़ाव नहीं है। वे किसी भी पार्टी में जाएं, लेकिन ऐसा ताजा खून भारत के लोकतंत्र को मजबूत करेगा।

बांग्लादेश के हालात पर पीएम मोदी ने जताई गंभीर चिंता

पड़ोसी मुल्क के अशांत हालात पर भी अपने संबोधन में पीएम मोदी बोले लेकिन संयमित लहजे और शब्दों में। उन्होंने कहा कि, ‘बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है। पड़ोस देश होने के नाते हम हालात को लेकर चिंतित हैं। हम उम्मीद करते हैं कि वहा हालात जल्द सामान्य होंगे। साथ ही वहां के हिंदू, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।

हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें। शांति के प्रति हम समर्पित हैं। हम आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा में हमेशा शुभचिंतक रहेंगे। हम मानव जाति के लिए सोचने वाले लोग हैं।’ पीएम मोदी ने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते हमें चिंता होना स्वाभाविक है।

आशा करता हूं कि वहां हालात जल्द सामान्य होंगे। 140 करोड़ देशवासियों की चिंता यह है कि वहां हिंदू, अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें। शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है,हमारे संस्कार हैं।

आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा के लिए हमेशा हमारी शुभेच्छा रहेगी, क्योंकि हम मानव जाति की भलाई के बारे में सोचने वाले लोग हैं।

अराजकता फैलाने वाले लोगों के प्रति प्रधानमंत्री ने देशवासियों को किया आगाह, बोले- देशवासियों का भाग्य बदलने को कोई कसर न रखूंगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से अपने इस संबोधन में अराजकता फैलाने वालों पर भी निशाना साधा। कहा कि, ‘हम संकल्प के साथ आगे बढ़ तो रहे हैं लेकिन कुछ लोग होते हैं जो प्रगति देख नहीं सकते। कुछ लोग हैं जो भारत का भला देख नहीं देख सकते, जब तक उनका भला न हो तब तक वे किसी का भला नहीं देख सकते।

ये निराशा की गर्त में डूबे लोग हैं। जब उन लोगों की गोद में विकृति पलती है तो वह विनाश का कारण बन जाती है। अराजकता का मार्ग ले लती है। इससे बहुत बड़ी हानि हो जाती है। इसलिए ऐसे छिटपुट तो तत्व हैं। उनकी गोद में विकृति पल रही है। ये विकृति विनाश के सपने देख रही है। देश को इसे समझना होगा।

मैं देशवासियों कहना चाहता हूं कि हम नेकनीयत से राष्ट्र के प्रति अपने समर्पण से, हम विपरीत मार्ग पर जाने वाले लोगों के दिल जीतेंगे। साथियों चुनौतियां हैं, चुनौतियां भीतर भी हैं, चुनौतियां बाहर भी हैं। जैसे जैसे हमारा तवज्जो बढ़ेगा तो चुनौतियां बढ़ने वाली हैं लेकिन ऐसी शक्तियों को कहना चाहता हूं कि भारत का विकास किसी के लिए संकट लेकर नहीं आएगा।

हम विश्व में जब समृद्ध थे, तब भी हमने दुनिया को युद्ध नहीं दिया। मैं विश्व समुदाय को विश्वास दिलाता हूं कि आप भारत के संस्कारों को समझिए, भारत के हजारों साल के इतिहास को समझिए। हमें संकट मत मानिए। इस भूमि में विश्व कल्याण का सामर्थ्य है।

देशवासियों को कहना चाहता हूं कि चुनौतियों को चुनौती देना हमारी फितरत में है। हम संकल्पों की पूर्ति के लिए, देशवासियों का भाग्य बदलने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। हम नेक नीयत से जीतेंगे।’

लाल किले पर पीएम मोदी
लाल किले पर पीएम मोदी

महिला अत्याचार पर बोले पीएम मोदी, कहा – बहन-बेटियों प अत्याचार से जनसामान्य में आक्रोश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं, उसके प्रति देश में आक्रोश है। जन सामान्य में आक्रोश है। इस आक्रोश को मैं महसूस कर रहा हूं. इसको देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा।

महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो। राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो। ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है। ये भी बताना चाहूंगा कि जब महिलाओं पर अत्याचार की घटना होती है, तो उसकी बहुत चर्चा होती है। बहुत प्रचार होता है, मीडिया में छाया रहता है लेकिन जब ऐसे राक्षसी मनोवृत्ति को सजा होती है तो वह खबरों में कहीं नजर नहीं आती, वो कोने में कहीं खड़ा रहता है।

अब समय की मांग है कि जिनको सजा होती है, उसकी व्यापक चर्चा हो जिससे कि ऐसा पाप करने वाले को भी डर पैदा हो कि पाप करने वाले की हालत ये होती है कि फांसी पर लटकना होता है और मुझे लगता है कि ये डर पैदा करना बहुत जरूरी है’।

मेडिकल की पढ़ाई के लिए 75 हजार सीटें बढ़ेंगी और स्पेस सेक्टर में भी होगा सुधार

पीएम मोदी ने कहा कि हमने पिछले 10 साल में मेडिकल सीटों को करीब करीब एक लाख कर दिया है। हर साल 25 हजार युवा मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं। वे ऐसे-ऐसे देशों में जाते हैं कि सुनकर हैरानी होती है और इसीलिए सरकार ने तय किया है कि अगले पांच साल में मेडिकल लाइन में 75 हजार नई सीटें बढ़ाई जाएंगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने विकसित भारत की पहली पीढ़ी को ध्यान में रखकर पोषण अभियान शुरू किया है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने अतीत की बंदिशों से मुक्त करते हुए अंतरिक्ष क्षेत्र में कई सुधार किए हैं। उन्होंने कहा, यह जीवंत होता जा रहा है।

भारत को एक मजबूत राष्ट्र बनाने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हमने अंतरिक्ष क्षेत्र में कई सुधार किए हैं। हमने इसे अतीत की बंदिशों से मुक्त कराया है।

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