नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह समय भारत के लिए नया इतिहास रचने का है। उन्होंने पिछले 11 वर्षों में हुई उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि उद्यमशीलता, स्टार्टअप्स और वुमेन सेल्फ हेल्प ग्रुप्स ने देश की आर्थिक शक्ति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
पीएम मोदी ने मुद्रा योजना के जरिए करोड़ों युवाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का श्रेय देते हुए कहा कि इन योजनाओं से न केवल लोग अपने पैरों पर खड़े हुए हैं बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं। उन्होंने गर्व व्यक्त किया कि कभी विदेशों से आयात किए जाने वाले खिलौनों का अब भारत निर्यात कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वे इनोवेटिव आइडियाज लाएं और मैन्युफैक्चरिंग में कदम बढ़ाएं। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार उनके साथ खड़ी है और आवश्यकतानुसार नियमों में बदलाव भी करेगी।
राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन का जिक्र करते हुए उन्होंने “जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट” का मंत्र दोहराया और कहा कि भारत को विश्व बाजार में गुणवत्ता के आधार पर पहचान बनानी है। उनका संदेश था — “दाम कम लेकिन दम ज्यादा”।
पीएम मोदी ने देशवासियों से ‘वोकल फॉर लोकल’ को जीवन का मंत्र बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत में बने उत्पादों को गर्व के साथ अपनाना चाहिए, न कि मजबूरी में। यह सामूहिक संकल्प भारत को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में बड़ा कदम होगा।
प्रधानमंत्री ने राजनीतिक दलों, इन्फ्लुएंसर्स और छोटे व्यापारियों से भी आग्रह किया कि वे स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दें और दुकान पर यह स्पष्ट लिखें कि यहां सिर्फ स्वदेशी सामान बिकता है। उनका कहना था कि जैसे कभी “शुद्ध घी की दुकान” का बोर्ड आम था, वैसे ही “स्वदेशी माल बिकता है” का बोर्ड भी आम होना चाहिए।
मोदी ने कहा कि स्वतंत्र भारत के लिए बलिदान देने वाली पीढ़ी ने जैसा योगदान दिया, वैसा ही वर्तमान पीढ़ी को “समृद्ध भारत” के लक्ष्य के लिए देना चाहिए।