सीवान : सीवान जिले में नशे के खिलाफ पुलिस प्रशासन के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के अंतर्गत एसपी आवास के पीछे खुलेआम नशीले पदार्थों की बिक्री का मामला सामने आया है। यह घटना बिहार सरकार और पुलिस प्रशासन के दावों की सच्चाई को उजागर करती है। एक वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एसपी आवास के पीछे लोग लाइन में खड़े होकर नशीले पदार्थ स्मैक की खरीदारी कर रहे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह धंधा कई महीनों से बेखौफ चल रहा है। यहां से महज 200 मीटर की दूरी पर एसपी और अन्य अधिकारियों का आवास है, इसके बावजूद नशीले पदार्थों की बिक्री पुलिस प्रशासन की लापरवाही को दर्शाती है।
Highlights
पुलिस की नाकामी या मिलीभगत?
सवाल यह उठता है कि पुलिस प्रशासन की इतनी बड़ी चूक कैसे हो रही है। क्या पुलिस जानबूझकर इस अवैध धंधे को नजरअंदाज कर रही है या इसमें उनकी मिलीभगत है। स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस की निष्क्रियता के कारण स्मैक का कारोबार दिन-पर-दिन बढ़ता जा रहा है। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के ललित बस स्टैंड पर स्मैक की बिक्री इतनी खुलकर हो रही है कि यह एक लाइसेंसी दुकान जैसा लगने लगा है। वहीं, पुलिस प्रशासन शराब माफिया और तस्करों के पीछे लगी है, लेकिन नशीले पदार्थों के इस बड़े नेटवर्क पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
नशे के शिकार और बढ़ते अपराध
स्मैक का सेवन करने से कई लोगों की जान जा चुकी है। इसके अलावा, नशे के कारण चोरी और लूटपाट जैसी घटनाएं भी बढ़ गई हैं। इसके बावजूद, पुलिस प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। एसपी आवास के ठीक पीछे ऐसी गतिविधियां होना न केवल पुलिस की नाकामी दर्शाता है, बल्कि इस पर गहरी जांच की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है।
यह भी देखें :
प्रशासन के खिलाफ स्थानीय आक्रोश
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। अगर पुलिस इसी तरह निष्क्रिय बनी रही तो यह धंधा और बढ़ेगा और जिले में अपराध की घटनाएं भी तेजी से बढ़ेंगी।
जरूरत सख्त कार्रवाई की
यह मामला सिर्फ नशे के कारोबार का नहीं है, बल्कि यह प्रशासनिक तंत्र की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार की ओर भी इशारा करता है। सरकार और पुलिस प्रशासन को इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल कदम उठाने चाहिए। पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा हो रहा है, जिसे अनदेखा करना भविष्य में और गंभीर परिणाम ला सकता है। सीवान जिले में नशे का यह बेखौफ कारोबार न केवल जिले की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि सरकार की नशामुक्ति के दावे को भी कमजोर करता है। पुलिस प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले में सख्त कदम उठाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। ताकि जिले में कानून व्यवस्था कायम रहे और लोगों का पुलिस पर भरोसा बना रहे।
यह भी पढ़े : राजधानी में अपराधियों का तांडव, कंकड़बाग में की फायरिंग
कुमार रवि की रिपोर्ट