मुंबई : महाराष्ट्र में सियासी भूचाल के बीच शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने ट्वीट ने किया है.
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ट्वीट के माध्यम से उन्होंने संकेत दिए हैं कि महाराष्ट्र विधानसभा भंग हो सकती है.
शिवसेना नेता संजय राउत के यह संकेत इस मायने में अहम माने जा रहे हैं
क्योंकि पार्टी के करीब 30 से ज्यादा विधायकों के बागी होने की स्थिति में
महाविकास अघाड़ी की सरकार, अल्पमत में आ जाएगी.
बीजेपी के साथ गठबंधन करे शिवसेना- एकनाथ शिंदे
महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे, पार्टी से नाराज शिवसेना विधायकों के साथ
चार्टर्ड फ्लाइट के जरिए सूरत से रवाना हो गए. फ्लाइट में चढ़ने से पहले एकनाथ शिंदे ने कहा कि
शिवसेना के विधायकों ने पार्टी के खिलाफ बगावत नहीं की है, लेकिन उनकी एकमात्र इच्छा
विपक्षी बीजेपी के साथ गठबंधन करना है. सूरत एयरपोर्ट पर शिंदे ने कहा, मैं और शिवसेना के विधायक चाहते हैं कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बीजेपी के साथ गठबंधन में सरकार बनाएं, मैंने पार्टी नहीं छोड़ी है.ष् शिंदे ने कहा कि उन्होंने उद्धव ठाकरे के साथ बातचीत की और श्जय महाराष्ट्र और गर्व से कहो हम हिंदू हैंश् के नारे लगाए.
पार्टी के खिलाफ बगावत नहीं
शिंदे ने कहा कि शिवसेना के विधायकों को पार्टी के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे द्वारा निर्धारित विचारधारा पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा है कि शिवसेना के विधायकों ने पार्टी के खिलाफ कोई बगावत नहीं की है. सीने में दर्द और बेचौनी की शिकायत के बाद मंगलवार को अस्पताल में भर्ती कराए गए शिवसेना विधायक नितिन देशमुख को स्पाइसजेट एयरलाइन के बोडिंर्ग काउंटर पर जाते हुए देखा गया.
37 पहुंची बागी विधायकों की संख्या
सूत्रों के मुताबिक, बागी विधायकों की संख्या 37 पहुंच गई है. दो से तीन और विधायक बुधवार को सीधे गुवाहाटी पहुंच सकते हैं. शिवसेना के बागी विधायकों को पुलिस सुरक्षा घेरे में सूरत एयरपोर्ट तक ले गई. सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद, शिवसेना के बागी विधायक 200 यात्रियों की क्षमता वाले विमान में सवार हो गए. बुधवार सुबह चार बजे तक बोडिंर्ग की प्रक्रिया चल रही थी.
उद्धव ठाकरे से मांगा जाएगा इस्तीफा
बीजेपी से शिंदे के साथ हुई बातचीत के आधार पर सूत्रों ने जानकारी दी कि शिंदे अपने गुट को असली शिव सेना बतायेंगे और राज्यपाल को पत्र सौंपेंगे . पत्र पर सभी समर्थक विधायकों से हस्ताक्षर करवाये जायेंगे. शिंदे की सहायता से बीजेपी विधानसभा अध्यक्ष अपना बनवायेगी. इसके बाद उद्धव का इस्तीफ़ा मांगा जायेगा या फिर विश्वास मत साबित करने की मांग की जायेगी. बीजेपी का दावा है कि यदि विश्वासमत साबित करने की नौबत आती है तो कांग्रेस और एनसीपी के भी कुछ विधायक ठाकरे के विरोध में मतदान करेंगे.