राजद ने दोनों सदनों में आरक्षण का किया था विरोध- सुशील मोदी
पटना : ईडब्ल्यूएस (EWS) आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बिहार में राजनीति तेज हो गई है.
बिहार में बीजेपी, जदयू और राजद अपनी पीठ थपथपाकर एक-दूसरे पर निशाना साधा.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने
उच्चतम न्यायालय द्वारा ईडब्ल्यूएस (सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) को
10 प्रतिशत आरक्षण जारी रखने के फैसले पर केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया.
‘किस मुंह से सवर्ण जाति के गरीबों से वोट मांगेगी’
सुशील कुमार मोदी ने राजद पर हमला करते हुए कहा कि संसद के दोनों सदनों में
राजद ने इस विधेयक का विरोध किया था. अब राजद किस मुंह से बिहार में
सवर्ण जाति के गरीब लोगों से वोट मांगेगी. आरजेडी के साथ दो और पार्टियों ने राज्यसभा
और लोकसभा में इसका विरोध किया था. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने भी इस विधेयक का बहिष्कार किया था. उच्च न्यायालय ने अपने फैसले से साबित कर दिया है कि संसद या मोदी सरकार के द्वारा संविधान के मूलभूत ढांचा कहीं से भी प्रभावित नहीं हो रहा है.
ये बिहार सरकार के नीति की जीत है- विजय चौधरी
आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बिहार सरकार ने स्वागत किया है. सुप्रीम कोर्ट फैसले को लेकर जदयू कोटे से वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि यह बिहार सरकार के नीति की जीत है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने ही सबसे पहले यह आरक्षण दिया था और हम इस निर्णय का स्वागत करते हैं.
राजद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत
आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण जारी रखने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राजद ने स्वागत किया है. आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम विरोध नहीं करते हैं, हमारी तो शुरू से यही मांग रही है कि जो लोग आरक्षण के दायरे में छूट गए थे, उन्हें भी आरक्षण मिलना चाहिए. इसके लिए हम लोगों ने जाति जनगणना की मांग की थी, अब जब ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया है, तो अब रास्ता साफ हो गया है कि जो भी छूटे हुए लोग हैं उन्हें आरक्षण मिलेगी. वहीं विरोध की बात को उन्होंने गलत बताया.
EWS आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट: देश में जारी रहेगा आर्थिक आधार पर आरक्षण
आर्थिक आधार पर देश में आरक्षण अब आगे भी जारी रहेगा. चीफ जस्टिय यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक बेंच में से तीन जजों ने आरक्षण के पक्ष में अपना फैसला दिया है. जबकि दो जजों ने पर अपनी असहमति जताई है.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय बेंच की तरफ से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था पर फैसला सुनाया. पांच जजों में से तीन जजों ने आर्थिक आधार पर आरक्षण का समर्थन किया है. जस्टिस माहेश्वरी ने कहा कि आर्थिक आरक्षण संविधान के मौलिक ढांचे के खिलाफ नहीं है. 103वां संशोधन वैध है.
रिपोर्ट: प्रणव राज