Ranchi: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की लगातार बदलती रणनीतियों पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि झामुमो ने इतनी बार ‘यू-टर्न’ मारा है कि अब उसे “जेएमएम (यू)” कहा जाना चाहिए।
झामुमो की रणनीति और निर्णय पूरी तरह भ्रमित करने वालेः
प्रतुल शाह देव ने कहा कि बिहार चुनाव में झामुमो की रणनीति और निर्णय पूरी तरह भ्रमित करने वाले रहे। उन्होंने कहा कि शुरुआत में झामुमो ने 16 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की, फिर यू-टर्न लेकर सीटों की संख्या 12 कर दी। उसके बाद महागठबंधन के नेताओं से मुलाकात कर कहा कि सीटों पर सहमति बन गई है, लेकिन कुछ ही दिनों बाद एक और यू-टर्न लेकर सीटों की संख्या घटाकर तीन कर दी।
उन्होंने कि कहा जब महागठबंधन के नेताओं ने झामुमो को ठेंगा दिखाया, तो उन्होंने रांची में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 6 सीटों पर लड़ने की बात कही। लेकिन अगले ही 24 घंटे में फिर से यू-टर्न लेकर एक भी सीट पर नामांकन नहीं किया। यह झामुमो की राजनीतिक दिशा और निर्णयहीनता को दिखाता है।
झामुमो ने किया वरिष्ठ नेताओं से किया विश्वासघात – प्रतुलः
प्रतुल ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम ने झारखंडी अस्मिता को बिहार के चौराहे पर तार-तार कर दिया है। झामुमो बार-बार गठबंधन के आगे झुकता रहा, लेकिन कोई सम्मानजनक समझौता नहीं मिला। उन्होंने कहा कि झामुमो के कई वरिष्ठ नेताओं ने खुद स्वीकार किया है कि राजद और कांग्रेस ने उनके साथ विश्वासघात किया और पीठ में खंजर भोंका है।
उन्होंने कहा कि अब झामुमो के मंत्री और महासचिव समीक्षा की बात कर रहे हैं। झारखंड की जनता बेसब्री से उस समीक्षा के परिणाम की प्रतीक्षा कर रही है। सवाल यह है कि क्या मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन वास्तव में गठबंधन की समीक्षा करेंगे? क्या वे राजद या कांग्रेस के मंत्रियों को बाहर करेंगे? या फिर यह समीक्षा केवल एक ढकोसला बनकर रह जाएगी?
बीजेपी प्रवक्ता ने तीखे लहजे में कहा कि अब वक्त बताएगा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने पिता शिबू सोरेन के पदचिह्नों पर चलते हुए झारखंडी अस्मिता की रक्षा करेंगे या सत्ता में बने रहने के लिए फिर से गठबंधन के सामने घुटने टेक देंगे।उन्होंने कहा कि जनता अब झामुमो की “राजनीतिक दोहरी नीति” को भलीभांति समझ चुकी है और आने वाले चुनावों में इसका जवाब देगी।
रिपोर्टः मदन सिंह
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