Saturday, May 31, 2025

झारखंड में नई उत्पाद नीति लागू करने में अड़चन, एक जुलाई से खुदरा शराब दुकानों के संचालन को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था की तैयारी

रांची: झारखंड में एक जुलाई 2025 से लागू होने वाली नई उत्पाद नीति को लेकर संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। उत्पाद आयुक्त की अनुपस्थिति और उनके प्रभार में किसी अन्य अधिकारी की तैनाती नहीं होने के कारण स्थिति और जटिल हो गई है। इसका प्रत्यक्ष असर 28 मई को जारी होने वाली बिक्री अधिसूचना पर भी पड़ा, जिसे अब तक जारी नहीं किया जा सका है।

जानकारी के अनुसार, उत्पाद आयुक्त 15 जून तक ट्रेनिंग पर हैं और एमजीआर (Monthly Goods Receipt) जैसे अहम निर्णय उन्हीं के स्तर से लिए जा सकते हैं। ऐसे में जब तक वे वापस नहीं लौटते या उनके स्थान पर किसी को प्रभार नहीं सौंपा जाता, तब तक नई नीति को लागू करना संभव नहीं दिख रहा।

मुख्य बिंदु:

  • उत्पाद आयुक्त की अनुपस्थिति से नई उत्पाद नीति पर संकट

  • 28 मई की बिक्री अधिसूचना जारी नहीं हो सकी

  • 30 जून को प्लेसमेंट एजेंसी की अवधि समाप्त

  • 1 जुलाई से विभाग स्वयं शराब दुकानों का संचालन करेगा

  • मंत्री ने अधिकारियों से वैकल्पिक प्रस्ताव मांगा

बुधवार को उत्पाद मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने विभागीय सचिव एवं अन्य अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में यह तय किया गया कि प्लेसमेंट एजेंसी का कार्यकाल 30 जून को समाप्त होने के बाद भी खुदरा शराब दुकानों का संचालन जारी रखने के लिए विभागीय कर्मचारियों के जरिए दुकानों का संचालन किया जाएगा।

मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने स्पष्ट किया कि 1 जुलाई से शराब दुकानों में ताले न लटकें, इसके लिए विभाग स्वयं कर्मचारियों की नियुक्ति कर संचालन की जिम्मेदारी संभालेगा। साथ ही निर्देश दिया कि संबंधित वैकल्पिक व्यवस्था का प्रस्ताव शीघ्र तैयार किया जाए, ताकि नई उत्पाद नीति के लागू होने तक अस्थायी व्यवस्था प्रभावी रह सके।


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