Desk: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार सुबह हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से राफेल फाइटर जेट में उड़ान भरकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। वह इस तरह राफेल फाइटर जेट में उड़ान भरने वाली देश की पहली महिला राष्ट्रपति बन गई। इस अवसर पर वायुसेना (Airforce) प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
उड़ान से पहले राष्ट्रपति को राफेल जेट की तकनीकी क्षमताओं, सुरक्षा प्रक्रियाओं और संचालन प्रणाली की विस्तृत जानकारी दी गई। इस उड़ान का उद्देश्य भारतीय वायुसेना के साहस, तकनीकी दक्षता और राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान के प्रति राष्ट्रपति के सम्मान को दर्शाना था।
पहले भी भरी थी सुखोई-30 में उड़ान:
इससे पहले 8 अप्रैल 2023 को राष्ट्रपति मुर्मू ने असम के तेजपुर एयरफोर्स स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट में उड़ान भरी थी। उस समय भी उन्होंने भारतीय वायुसेना की महिला सशक्तिकरण और आधुनिकता की दिशा में भूमिका की सराहना की थी।
राफेल फाइटर जेट की खासियतः
राफेल फाइटर जेट को फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने तैयार किया है। सितंबर 2020 में इन्हें औपचारिक रूप से अंबाला एयरबेस पर भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया था। राफेल की स्पीड 2,222 किलोमीटर प्रति घंटा तक है और यह एक साथ कई लक्ष्यों पर हमला करने की क्षमता रखता है। इसकी अत्याधुनिक तकनीक, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और मिसाइल क्षमता इसे भारत की हवाई सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा बनाती है।
ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में दिखाया था दमः
राफेल फाइटर जेट का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर (7 मई) के दौरान किया था, जिसमें पाकिस्तान नियंत्रित क्षेत्रों में कई आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट किया गया था। इस ऑपरेशन ने राफेल की मारक क्षमता और सटीक हमले की ताकत को साबित किया था।
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