रांची. सीयूजे के प्रो. संजय कुमार समदर्शी को भारतीय मानक ब्यूरो के सोलर वॉटर हीटर मानक पुनर्मूल्यांकन विशेषज्ञ पैनल का संयोजक बनाया गया है। इस 8 सदस्यीय पैनल का कार्य सोलर वॉटर हीटर के पहले से मौजूद मानकों में आज की परिस्थिति के अनुसार और कम ऊर्जा के खपत में ज्यादा कारगर काम करने के लिए यंत्र के मानकों में बदलाव करना। सोलर थर्मल फेडरेशन ऑफ इंडिया ने बीआईएस मानकों में बदलाव के लिए प्रस्ताव रखा है, जिसका मूल्यांकन यह विशेषज्ञ पैनल करेगी।
इस 8 सदस्यीय पैनल के सदस्य हैं
1. प्रो. संजय कुमार समदर्शी, झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय, रांची (संयोजक)
2. प्रो अनीश मोदी, आईआईटी (IIT – मुंबई)
3. विक्रांत यादव (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी)
4. राजकुमार, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New and Renewable Energy, MNRE)
5. मंजूनाथ उल्लूर, ईएमएमवीईई फोटोवोल्टाइक पावर लिमिटेड (Emmvee Photovoltaic Power Limited)
6. जयदीप मालवीय, सोलर थर्मल फेडरेशन ऑफ इंडिया (STFI)।
7. वी गार्ड (V Guard) से एक प्रतिनिधि
8. रेकॉन सोलर (Reckon Solar) से एक प्रतिनिधि
प्रो. समदर्शी के नेतृत्व में झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय ने सोलर कुकर के भी नए मानक बनाए हैं जिसको टेस्ट मैथड से कई प्रतिष्ठित शोध पत्रों के द्वारा तैयार किया गया है। जल्द ही यह मानक पूरे भारत में अपनाया जाएगा। इसके साथ ही प्रो. समदर्शी भारत में भविष्य के लिए एनर्जी एजुकेशन का प्रारूप तय करने वाली राष्ट्रीय टास्क फोर्स के सदस्य भी हैं जिसका गठन 2023-2024 में शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया गया है। यह टास्क फोर्स, ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ रहे रोजगार के अवसर के अनुसार देश में कोर्स चलाने और उसके अनुरूप पठन -पाठन की सामग्री तैयार करने में दिशा- निर्देश तय करेगा। प्रो. समदर्शी किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय से एक मात्र प्रोफेसर हैं जिन्हें इस टास्क फोर्स का सदस्य बनाया गया है।
प्रो. समदर्शी ने बताया कि इस टास्क फोर्स की रिपोर्ट हाल ही में आईआईटी -दिल्ली में आयोजित फ्यूचर रेडी एनर्जी एजुकेशन: ऑपर्च्युनिटीज एंड चैलेंजेस (Future Ready Energy Education: Opportunities and Challenges) राष्ट्रीय कार्यशाला में प्रस्तुत की गई। सीयूजे के लिए यह कार्यशाला प्रतिष्ठा की बात रही क्योंकि राष्ट्रीय स्तर भारत सरकार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के एक सत्र की अध्यक्षता, झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय ने की जिसकी अगुवाई प्रो. समदर्शी ने किया।
विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो. क्षिति भूषण दास ने प्रो. समदर्शी को इस उपलब्धि और विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पहचान दिलाने के लिए बधाई दी। प्रो. समदर्शी अभी झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय में एनर्जी इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष हैं। साथ ही वे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस – ग्रीन एंड एफिशिएंट एनर्जी टेक्नोलॉजी (CoE-GEET), सीयूजे के समन्वयक भी हैं। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस – ग्रीन एंड एफिशिएंट एनर्जी टेक्नोलॉजी, झारखंड का एक मात्र भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त केंद्र है जो इस क्षेत्र में काम करता है।
देश में गिने चुने ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में काम करने वाले संस्थानों में ये अग्रणी है। इस केंद्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोध हो रहे और विभाग के सभी प्रोफेसर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त हैं। झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय, भारत में मौजूद गिने चुने उच्च शिक्षा संस्थानों में से एक है जहां एनर्जी इंजीनियरिंग में अंडरग्रैजुएट कोर्स चलता है।
इस सूची में बाकी सारे संस्थान आईआईटी और पेट्रोलियम और एनर्जी स्ट्डीज विश्वविद्यालय है। झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय भारत का पहला केंद्रीय विश्वविद्यालय है, जिसने इस क्षेत्र में कोर्स शुरू किया। इसके साथ ही सीयूजे बाकी संस्थानो की तुलना में ज्ञान के स्तर पर काफी वृहद कोर्स चलाता है। प्रो. समदर्शी के नेतृत्व में ये विभाग पिछले 14 सालों से कार्य कर रहा और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त है।
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