रांची: झारखंड के प्रमुख विश्वविद्यालयों आरयू, डीएसपीएमयू और अन्य संस्थानों में सहायक प्राध्यापकों की प्रोन्नति 17 वर्षों बाद भी अधर में लटकी हुई है। इस मुद्दे को लेकर विश्वविद्यालय विवि शिक्षकों में जबरदस्त आक्रोश है। बुधवार को जेएन कॉलेज परिसर में ‘जुटान’ के बैनर तले शिक्षकों ने आक्रोश सभा आयोजित कर प्रोन्नति में देरी के लिए झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) और विवि प्रशासन को सीधे तौर पर जिम्मेवार ठहराया।
सभा को संबोधित करते हुए जुटान के अध्यक्ष जगदीश लोहरा ने कहा कि प्रोन्नति के लिए जिस परफॉर्मा को लेकर जेपीएससी प्रक्रिया में पेंच फंसा रहा है, वह परफॉर्मा स्वयं विश्वविद्यालय ने तय कर शिक्षकों को उपलब्ध कराया था। ऐसे में विवि की जिम्मेवारी बनती है कि वह इस मामले को दृढ़तापूर्वक जेपीएससी के समक्ष रखे।
जुटान के संयोजक डॉ. कंजीव लोचन ने व्यवस्थाओं की खामियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि जेपीएससी और विश्वविद्यालयों में करोड़ों रुपये कम्प्यूटर और डिजिटल संसाधनों पर खर्च किए गए, लेकिन अभी भी फाइलिंग और प्रोसेसिंग आदिम युग जैसी है। उन्होंने मांग की कि दोनों संस्थान मिलकर सिस्टम को पूरी तरह ऑटोमेटेड करें ताकि शिक्षकों की प्रोन्नति की राह सुगम हो सके।
सभा में मौजूद अन्य शिक्षकों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र समाधान नहीं निकला, तो वे उग्र आंदोलन की राह पर बढ़ेंगे। “अब सन्न टूटेगा”, यह नारा सभा में कई बार गूंजा और संकेत दिया गया कि आने वाले दिनों में बड़ा प्रदर्शन हो सकता है।