टोक्यो : जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का 27 सितंबर को राजकीय सम्मान के साथ
अंतिम संस्कार किए जाने के प्रधानमंत्री फ्युमियो किशिदा के ऐलान पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं.
दो दिनों पहले किशिदा ने इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि
दुनिया के तमाम बड़े नेता इस मौके पर मौजूद रहेंगे.
इसी माह 8 जुलाई को शिंजो आबे की नारा शहर में एक सार्वजनिक सभा के
दौरान हमलावर ने गोली मार कर हत्या कर दी थी.
इस घटना से जापान के साथ-साथ पूरी दुनिया सन्न रह गई.
विपक्षी दल के नेता कर रहे विरोध
अब शिंजो आबे का 27 सितंबर को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किये जाने के सरकार के फैसले का जापान के विपक्षी दल के नेताओं के साथ आम लोग विरोध कर रहे हैं. इसे रोकने के लिए अदालत में अर्जी दी गई है.
आर्थिक मंदी का विपक्षी दलों ने किया जिक्र
विपक्षी दलों का कहना है कि अंतिम संस्कार के नाम पर करदाताओं की गाढ़ी कमाई को जाया किया जाना गलत है. वह भी तब जबकि आर्थिक मंदी का खतरा बढ़ रहा है. अगर महंगाई पर काबू पाने के लिए इसे खर्च किया जाए तो बेहतर होगा. इनका कहना है कि आबे के राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किए जाने को संसद ने मंजूरी नहीं दी है और न ही संविधान में सरकार की तरफ से ऐसा किये जाने का जिक्र है.