रांची: झारखंड में 30 सितंबर तक 1011.6 मिमी बारिश हो चुकी है, जबकि सामान्य तौर पर 1022.9 मिमी बारिश की उम्मीद थी। इस वर्ष धनबाद जिले में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई है, जहाँ 1417 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 31% अधिक है। वहीं, गढ़वा में भी 1119.5 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 23% अधिक है।
हालांकि, राज्य के तीन जिलों, पाकुड़, चतरा, और देवघर में बारिश सामान्य से कम हुई है। पाकुड़ में सबसे कम 646 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो कि 47% कम है। चतरा में 681.1 मिमी और देवघर में 763.4 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 24% कम है।
मानसून की विदाई की सामान्य तिथि 15 अक्टूबर है, और मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले एक से डेढ़ महीने के दौरान दिन और रात के तापमान में अंतर बढ़ जाएगा। नवंबर के तीसरे हफ्ते से दिन के तापमान में भी कमी आने की संभावना है, क्योंकि पश्चिमी विक्षोभों का सिलसिला शुरू हो जाएगा। दिसंबर में पहाड़ों पर बर्फबारी की शुरुआत से मैदानों में भी ठंड का अनुभव होगा।
इस बीच, नवंबर के अंत तक ला-नीना के प्रभाव से अधिक ठंड रहने का अनुमान लगाया गया है। यह मौसम परिवर्तन झारखंड के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह खेती और कृषि गतिविधियों पर भी प्रभाव डाल सकता है।