Thursday, October 23, 2025
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Dhanbad: ऑनलाइन परीक्षा में गड़बड़ी के बाद दो परीक्षा केंद्र रद्द, NTA ने की नए केंद्रों की घोषणा..

Dhanbad: ऑनलाइन परीक्षाओं में गड़बड़ी और फर्जीवाड़े के मामलों के सामने आने के बाद धनबाद जिले के दो प्रमुख परीक्षा केंद्रों को रद्द कर दिया गया है। इनमें इन्फिनिटी डिजिटल जोन प्रमुख रूप से शामिल है। जिसे हाल ही में आयोजित सीजीएल (CGL) परीक्षा में फर्जीवाड़े के आरोपों के बाद सील कर दिया गया। इस कार्रवाई के बाद अब यह केंद्र जेईई मेन (JEE Main) सहित अन्य राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं के लिए भी अमान्य घोषित कर दिया गया है।NTA (राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी) ने साफ किया है कि परीक्षा की पारदर्शिता और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।...

महागठबंधन की बैठक के बीच सदाकत आश्रम में कांग्रेस नेताओं की भूख हड़ताल और विरोध प्रदर्शन शुरू

महागठबंधन की बैठक के बीच सदाकत आश्रम में कांग्रेस नेताओं की भूख हड़ताल और विरोध प्रदर्शन शुरू पटना : महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर पटना के होटल मौर्या मे सीटो को लेकर बैठक शुरू हो गई है। वहीं दुसरे तरफ सदाकत आश्रम में टिकट कटने से गुस्साये नेता भूख हड़ताल पर बैठ गये हैं। नेताओं ने टिकट की सौदेबाजी का आरोप लगाते हुये धरना शुरू कर दिया है।प्रदेश नेतृत्व के प्रति गुस्सा और सहानुभूति सदाकत आश्रम मे धरने पर बैठे नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व पर पैसे लेकर टिकट बांटने को लेकर गुस्सा जाहिर किया है। नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व के...

दुमका एयरपोर्ट पर शॉर्ट सर्किट से हादसा, सोलर प्लांट में लगी आग, हुआ लाखों का नुकसान

Dumka: दुमका एयरपोर्ट पर गुरुवार की सुबह उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब वहां लगे सोलर प्लांट में अचानक आग लग गई। यह घटना सुबह करीब 9 बजे हुई। शुरुआती जांच में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। घटना में लगभग दो से तीन लाख रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पायाः हवाई अड्डा परिसर में रोशनी के लिए यह सोलर प्लांट लगाया गया था। चश्मदीदों के अनुसार, सुबह करीब नौ बजे प्लांट के मुख्य केबिन से अचानक धुआं और चिंगारी उठने लगी। कुछ ही मिनटों...

बिहार को देश का पहला Net Zero State बनाने के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयास आवश्यक-राजकुमार गुप्ता

Net Zero State

‘बिहार राज्य की जलवायु अनुकूलन एवं न्यून कार्बन उत्‍सर्जन विकास रणनीति’ प्रोजेक्ट के तहत पूर्णिया में आयोजित की गई कार्यशाला

पूर्णिया: पूर्णिया समाहरणालय में स्थित सभागार में कार्बन न्यूट्रल स्टेट बनाने की दिशा में ‘बिहार राज्य की जलवायु अनुकूलन एवं न्यून कार्बन उत्सर्जन विकास रणनीति’ प्राजेक्ट के तहत कार्यशाला का गुरूवार को आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अपर समाहर्ता (विधि – व्यवस्था) राजकुमार गुप्ता की अध्यक्षता में की गई।

कार्यशाला में अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा की जलवायु परिवर्तन के प्रभाव उत्तर बिहार में सर्दी के महीनों में धुंध और ग्रीष्म ऋतु में अत्यधिक गर्मी के रूप में देखे जा रहे हैं। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम बिहार को देश का पहला नेट ज़ीरो राज्य बनाने के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से सभी आवश्यक प्रयास करें। कार्यशाला की विस्तृत जानकारी डब्लूआरआई इंडिया के प्रोग्राम प्रबंधक डॉ शशिधर कुमार झा एवं मणि भूषण कुमार झा द्वारा दी गई।

मणि भूषण ने कहा कि बिहार में जलवायु परिवर्तन मौजूदा जोखिमों को और बढ़ा सकता है। जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने के लिए ‘बिहार राज्य की जलवायु अनुकूलन एवं न्यून कार्बन विकास रणनीति’ रिपोर्ट ने सिफारिशों के तहत ऊर्जा, परिवहन, अपशिष्ट, भवन, उद्योग, कृषि, वन सहित आपदा प्रबंधन, जल और मानव स्वास्थ्य क्षेत्रों में शमन और अनुकूलन रणनीतियां निर्धारित की हैं।

उन्होंने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य बिहार राज्य के लिए तैयार की गयी उक्त रणनीति का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन हेतु स्थानीय हितधारकों को जागरूक करना, रणनीति के क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों और कठिनाइयों की पहचान करना तथा उनके समाधान के रास्तों पर विचार विमर्श करना है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 04 मार्च, 2024 को इस रणनीति का राज्य स्तरीय क्लाइमेट कोंक्लेव में विमोचन किया था।

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डॉ शशिधर ने अपने सम्बोधन में कहा की जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप सन 2030 तक पूर्णिया प्रमंडल में अधिकतम तापमान में 0.5 – 1 डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि होने का अनुमान है। इसके अलावा मानसून के आगमन में देरी हो सकती है तथा शीत ऋतु में वर्षा में कमी आ सकती है। जलवायु परिवर्तन अनुकूलन उपायों के बारे में बताते हुए उन्होंने फसल एवं कृषि प्रणाली में विविधता, सतही और भूजल का एकीकृत प्रबंधन, वन पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा, संरक्षण और पुनर्जनन, निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करना और आपदा के समय आजीविका की सुरक्षा और संवर्द्धन का उल्लेख किया।

पूर्णिया के भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिक (सस्य विज्ञान) डॉ राधेश्याम ने विशेषज्ञ के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि मानसून की देरी से गर्मी के मौसम में वृद्धि की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे निपटने हेतु फसल पैटर्न में बदलाव जैसे उपायों की आवश्यकता है। उन्होंने आगे दावा किया कि पूर्णिया क्षेत्र में मिलेटस की फसल की खेती सफल रही है, जिसमें गर्मियों में फॉक्सटेल मिलेट भी शामिल है। उन्होंने कहा, ‘हमारे सर्वेक्षण में पाया गया है कि पूर्णिया में मिलेटस की फसलों की खपत 400 क्विंटल है, लेकिन इसका 90% हिस्सा रांची से आता है। अतः मिलेटस की खेती पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए।’

कार्यक्रम में उपस्थित विभिन विभागों के अधिकारीगण एवं अन्य हितधारकों ने भी अपने विचार साझा किये। प्रतिभागियों द्वारा उठाये गए मुद्दों में बीज प्रतिस्थापन, बालू खनन, वृक्षारोपण, वर्षाजल संचयन, और वाहन स्क्रैप केंद्र इत्यादि थे। यह कार्यशालाएं बिहार के सभी 09 प्रमंडलों में आयोजित की जा रही हैं। अगली कार्यशाला 19 जुलाई को सहरसा में आयोजित की जा रही है।

यह भी पढ़ें- भोजपुर पुलिस ने Axis Bank लूट कांड में एक अपराधी को किया गिरफ्तार, एक अन्य…

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