Ramgarh : झारखंड की राजनीति और सामाजिक चेतना के पुरोधा रहे दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के बाद पूरे राज्य में शोक की लहर है। इसी क्रम में हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल आज स्वर्गीय शिबू सोरेन के पैतृक गांव नेमरा पहुंचे और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। नेमरा गांव हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में स्थित है और यह वही धरती है जहां से शिबू सोरेन ने अपने सामाजिक और राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी।
सांसद जायसवाल ने दिवंगत नेता की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें अंतिम जोहार किया और कहा, “दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी न केवल झारखंड आंदोलन के शिल्पी थे, बल्कि वे आदिवासी अस्मिता, सामाजिक न्याय और संघर्षशील नेतृत्व के प्रतीक थे। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है।” उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए कहा कि झारखंड की जनता सदैव उनके योगदान को याद रखेगी।
Ramgarh : परिजनों से मुलाकात कर शोक संवेदना व्यक्त की
नेमरा पहुंचकर सांसद मनीष जायसवाल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके परिजनों से मुलाकात कर व्यक्तिगत रूप से शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने मुख्यमंत्री को ढाढ़स बंधाते हुए कहा कि ऐसे वक्त में परिवार के साथ खड़ा होना हर जनप्रतिनिधि का मानवीय कर्तव्य है। उन्होंने यह भी कहा कि शिबू सोरेन जैसे नेताओं का जाना केवल एक परिवार की क्षति नहीं, बल्कि पूरे समाज और राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है।
इस दौरान नेमरा गांव में भारी संख्या में झामुमो कार्यकर्ता, स्थानीय नागरिक और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। श्रद्धांजलि सभा में सभी ने मौन रखकर दिशोम गुरु को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
सांसद मनीष जायसवाल ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर हमें उन व्यक्तित्वों को नमन करना चाहिए, जिन्होंने समाज और राज्य के लिए जीवन समर्पित कर दिया। दिशोम गुरु शिबू सोरेन का जीवन और उनके सिद्धांत आने वाली पीढ़ियों को झारखंडी स्वाभिमान और संघर्ष की सीख देते रहेंगे।
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