दरभंगा : गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या के पर पांच लोगों को पद्म विभूषण, 17 लोगों को पद्म भूषण और 110 नामचीन हस्तियों को पद्मश्री पुरस्कार सम्मानित करने का सूची जारी किया गया है। जिसमें दरभंगा के ध्रुपद संगीत के लिए देश व विदेशों में प्रसिद्ध दरभंगा घराने के पंडित राम कुमार मल्लिक का नाम क्रमांक 73 तथा 51वां स्थान पर पद्मश्री पुरस्कार के सूची में है। इस ऐलान के बाद उनके घर में खुशी का माहौल है और बधाई का सिलसिला लगातार जारी है।
बता दें कि 71 वर्षीय पंडित राम कुमार मल्लिक ने कहा कि यह कला का सम्मान है। इससे पहले उनके चचेरे दादा पंडित रामचतुर मल्लिक भी इस सम्मान नवाजे जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि 13वीं पीढ़ी से उनके वंशज इस संगीत का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं। उन्हें यह विरासत अपने पिता और गुरु विश्व प्रसिद्ध ध्रुपद लीजेंड पंडित विदुर मल्लिक से मिली। उन्हें अपने दादा सुखदेव पंडित से भी सीखने का अवसर मिला।
बताते चले कि दरभंगा का अमता घराना शास्त्रीय संगीत के लिए विश्वख्याति प्राप्त कर चुका है। धु्रपद गायन की विशिष्ट शैली यहां की खासियत है। इस घराने की 12वीं व 13वीं पीढ़ी के कलाकार देश-दुनिया में परचम लहरा रहे हैं। पंडित रामकुमार मल्लिक ने अपने पिता पंडित विदुर मल्लिक के नाम से ध्रुपद संगीत गुरुकुल की स्थापना कर निशुल्क प्रशिक्षण देकर इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे। इसके संस्थापक पंडित राधाकृष्ण और पंडित कर्ताराम मल्लिक ने भूपत खां से ध्रुपद गायन सीखा। भूपत खां लखनऊ के नवाब सिराजुद्दौला के दरबारी गायक थे। उन्हें तानसेन के उत्तराधिकारियों में से माना जाता है। अठारहवीं शताब्दी के अंतिम दशक में एक बार भूपत के अनुरोध पर मल्लिक बंधुओं ने लखनऊ के दरबार में ध्रुपद गायन किया।
संयोगवश उस वक्त दरबार में दरभंगा महाराजा माधव सिंह (1785-1805) भी उपस्थित थे। उन्होंने मल्लिक बंधुओं के गायन से प्रभावित होकर दरभंगा आने का आमंत्रण दिया। यहां आकर मल्लिक बंधुओं ने अपने गायन की प्रस्तुति की। जिससे प्रसन्न होकर तत्काल दरभंगा महाराज ने मल्लिक बंधुओं को दरबारी गायक नियुक्त करते हुए जमींदारी प्रदान की। यह घराना वर्तमान बहेड़ी प्रखंड कीनारायण दोहट पंचायत स्थित अमता गांव में स्थापित हुआ। वर्ष 2017 में इस घराने की 12वीं पीढ़ी के पंडित रामकुमार मल्लिक ने बेटे डॉ. समित मल्लिक के साथ विदेशों में ध्रुपद गायन प्रस्तुत कर वाहवाही बटोरी। अपनी समृद्ध और शक्तिशाली आवाज के लिए चर्चित पंडित राम कुमार मल्लिक इससे पहले कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं।
रवि झा की रिपोर्ट