रांची: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से जुड़े निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए ईपीएफ दावों के निपटान की प्रक्रिया को सरल और तेज बनाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब आधार को ही कर्मचारियों के ईपीएफ खाते से जुड़ी दावेदारी के सत्यापन के लिए मुख्य दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाएगा। इससे पहले दस्तावेजों में विसंगतियों और अन्य कारणों से बड़ी संख्या में लंबित दावों का समाधान निकालने में देरी हो रही थी।
श्रम मंत्रालय ने इस कदम का उद्देश्य दावों के निपटान में होने वाली जटिलताओं को समाप्त करना और समय की बचत करना बताया है। मंत्रालय का मानना है कि आधार के जरिए सत्यापन से न केवल दावों के निपटारे में आसानी होगी, बल्कि यह पारदर्शिता और दक्षता में भी वृद्धि करेगा।
इस पहल के तहत, जिन कर्मचारियों का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) आधार से जुड़ा होगा, उन्हें भविष्य में ईपीएफ दावों के लिए अन्य दस्तावेज़ों को पेश करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। मंत्रालय ने यह भी बताया कि 30 दिन से अधिक समय तक लंबित रहने वाले दावों को फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के तहत हल किया जाएगा।
साथ ही, ईपीएफओ के शिकायत निवारण तंत्र में सुधार करने और दावों की अस्वीकृति दरों को कम करने के उपायों पर भी चर्चा की गई है, ताकि कर्मचारियों को उनके अधिकारों का समय पर और सही तरीके से भुगतान किया जा सके।