एसीबी ने सभी दस्तावेजों की सर्टिफाइड कॉपी तलब की, संपत्ति-अर्जित आय में अंतर की जांच होगी
रांची: झारखंड में बहुचर्चित शराब घोटाले में जेल में बंद आईएएस अधिकारी विनय चौबे की मुश्किलें और बढ़ती जा रही हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने रांची के सभी निबंधन कार्यालयों को पत्र भेजकर चौबे और उनके परिजनों के नाम पर रजिस्टर्ड सभी संपत्तियों की जानकारी मांगी है।
एसीबी ने चौबे व उनके परिवार के सदस्यों के पैन नंबर भी संबंधित कार्यालयों को उपलब्ध कराए हैं, ताकि संपत्ति लेन-देन से जुड़ा डाटा आसानी से ट्रेस किया जा सके। इसके साथ ही, इन संपत्तियों से संबंधित सभी दस्तावेजों की सर्टिफाइड कॉपी भी तलब की गई है।
सूत्रों के अनुसार चौबे के परिवार के नाम पर तीन से चार संपत्तियों के दस्तावेज पहले ही निबंधन कार्यालयों में रजिस्टर्ड पाए गए हैं। वहीं, कुछ संपत्तियां उनके करीबी लोगों के नाम पर भी होने की आशंका है। जांच एजेंसी इन सभी संपत्तियों का मूल्यांकन कर यह पता लगाएगी कि उनकी कुल घोषित आय और इन संपत्तियों पर खर्च की गई रकम में कोई असमानता है या नहीं।
शराब नीति में गड़बड़ी का आरोप
विनय चौबे पर छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट को लाभ पहुंचाने के लिए नई शराब नीति लागू करने का आरोप है। उनके कार्यकाल में इस नीति के तहत व्यापक अनियमितताएं सामने आईं, जिसके बाद एसीबी ने उन्हें गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। फिलहाल चौबे रिम्स अस्पताल में इलाजरत हैं।
जांच एजेंसी का अगला कदम आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुकदमा दर्ज करने की दिशा में हो सकता है।
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