सासाराम :बांस बल्ले के चाचर – नगर निगम सासाराम के वार्ड नंबर-18 प्रतापगंज मोहल्ले वासी बांस बल्ला के चाचर पर आना-जाना कर रहे हैं। मोहल्लेवासियों का कहना है कि इसको लेकर मेयर से लेकर प्रशासन तक गुहार कई बार लगाया गया लेकिन स्थिति जस तस बना हुआ है। गांव से शहर में बसने का शौक पर पानी फिर गया है। बीमार होने पर अस्पताल तक जाना आना बच्चों के स्कूल पहुंचना इन सभी कठिनाई दिनचर्या में शामिल है। इस मुहल्ले के सैकड़ों लोगों के घरों तक पहुंचाने के लिए बांस बल्ला के लंबी रास्ते बनाए गए हैं। यह बांस बल्ला का बना चंचरी पुल के टूटने तथा बड़ी हादसा का इंतजार नगर निगम सासाराम कर रहा है।
बांस बल्ले के चाचर
मोहल्ले वासियों की माने तो कभी-कभार लोग गिर कर चोटिल भी हो जाते हैं। यहां के लोग रात होती तो घरों से आना-जाना भी बंद हो जाता है। चाहे कितना भी इमरजेंसी क्यो न हो। क्योंकि रात के अंधेरे में कब बांस बल्ले की चचरी लोगों कि पैर फंस जाए और वह नीचे गिर पड़े। जिसका भय हमेशा बना रहता है। नगर निगम सासाराम वार्ड-18 के वार्ड पार्षद संजय कुमार ने बताया कि बोर्ड के बैठक में कई बार मामला उठाया गया लेकिन अबतक सुनवाई नहीं हुआ है कब तक इस बड़ी समस्या से मोहल्लेवासी को छुटकारा मिलेगा। यह बताने के लिए फिलहाल कोई तैयार नहीं है। लेकिन मोहल्लेवासी बच्चों को स्कूल आंगनबाड़ी में भी भेजने के बाद भयभीत रहते हैं।
मोहल्ले वासियों का कहना है कि नगर निगम सासाराम के मेयर काजल कुमारी ने शहर को बदलने की वादा किए थे। लेकिन अब मोहल्लेवासी कसमे वादे प्यार वफ़ा बातें हैं बातों का क्या गाना गुनगुना रहे हैं। प्रतापगंज गंज मोहल्ला के लोगों ने बताया कि सावन की फुहार पड़ी नहीं। लगातार बरसात की रिमझिम बारिश हुई नहीं फिर भी घरों तक पानी लगा रहता है। इस चचरी पुल के सहारे लोगों को आना जाना मजबूरी बना हुआ है।
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दया नन्द तिवारी कि रिपोर्ट