डिजीटल डेस्क : Retail Inflation – भारत में लगातार तीसरे महीने खुदरा महंगाई बढ़ी और हुई 6.21 फीसदी, बिगड़ा घर का बजट। देश में महंगाई डायन ने एक बार फिर से लोगों को मारने में जुट गई है। आम भारतीय परिवार लगातार तीसरे महीने यानी बीते अक्टूबर में भी खुदरा महंगाई हुई बढ़ोत्तरी से त्रस्त हो चला है।
Highlights
बीते अक्टूबर महीने में सितंबर के मुकाबले में खुदरा महंगाई के आंकड़ों में 0.72 फीसदी का इजाफा हुआ। भारत की खुदरा महंगाई अक्टूबर में सालाना आधार पर बढ़कर 6.21 प्रतिशत हो गई है, जो पिछले महीने 5.49 फीसदी देखने को मिली थी।
इस खुदरा महंगाई में इजाफे का प्रमुख कारण फूड इंफ्लेशन में इजाफे को माना जा रहा है। कच्चे खाद्य सामग्रियों के भाव में लगातार बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है।
बीते 14 माह में सबसे हाई पर पहुंची देश की खुदरा महंगाई
देश की खुदरा महंगाई के ताजा आंकड़ें एक बार फिर से बढ़े और यह चिंताजनक है। ये आंकड़े बीते 14 महीने के सबसे हाई पर पहुंच गए हैं। इसके बाद देश में रिटेल महंगाई आरबीआई के टॉललेंस लेवल 6 फीसदी से ऊपर पहुंच गई है।
बीते सितंबर के महीने में रिटेल महंगाई के आंकड़ें 9 महीने के हाई पर थे, जो अक्टूबर के महीने में 14 महीने के हाई पर पहुंच गए हैं। हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि चल रहे नवंबर और आने वाले दिसंबर महीने के आंकड़ों में थोड़ी कमी देखने को मिल सकती है।

रसोई में रोजाना इस्तेमाल होने वाले चीजों में प्याज की कीमतें बेहिसाब बढ़ीं…
इसी खुदरा महंगाई की बढ़ोत्तरी की वजह तलाश रहे अर्थशास्त्रियों ने फूड इनफ्लेशन को मुख्य वजह माना है। रसोई में इस्तेमाल होने वाली चीजों, खासकर प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी चिंताजनक है।
प्याज की थोक कीमतें 40-60 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 70-80 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं जबकि कुछ क्षेत्रों में बीते 8 नवंबर तक प्याज की कीमतें 80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थीं।
बीते अक्टूबर में फ्यूल और लाइट महंगाई (-)1.61 फीसदी रही, जबकि पिछले महीने में इसमें 1.31 फीसदी की गिरावट आई थी.।अक्टूबर में आवास महंगाई बढ़कर 2.81 फीसदी हो गई, जो सितंबर में 2.78 फीसदी थी। कपड़े और जूते की महंगाई दर पिछले महीने 2.70 फीसदी रही।

साल भर मेंआरबीआई के टॉलरेंस लेवल से ज्यादा हो गई देश की खुदरा महंगाई…
खुदरा महंगाई में इजाफे का प्रमुख कारण फूड इंफ्लेशन में इजाफे को माना जा रहा है। आलम यह है कि खुदरा महंगाई आरबीआई के टॉलरेंस लेवल 6 फीसदी से ज्यादा है।
आखिरी बार अगस्त 2023 में महंगाई दर इस लेवल पर देखने को मिली थी। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एक साल पहले की अवधि में भारत की खुदरा महंगाई 4.87 प्रतिशत थी।
देश में फूड इनफ्लेशन बीते अक्टूबर में बढ़कर 9.69 फीसदी हो गई है जो कि पिछले महीने में 9.24 फीसदी थी। फूड इंफ्लेशन कुल उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) बास्केट का लगभग आधा हिस्सा है।
ग्रामीण महंगाई भी बढ़कर 6.68 फीसदी हो गई है जो सितंबर में 5.87 फीसदी थी जबकि शहरी महंगाई पिछले महीने के 5.05 प्रतिशत से बढ़कर 5.62 फीसदी हो गई। एक सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया था कि अक्टूबर में भारत की महंगाई दर 6 प्रतिशत के करीब पहुंच जाएगी।
अनुमान है कि यह 5.81 फीसदी होगी। हालांकि, यूबीएस को उम्मीद थी कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) 6.15 प्रतिशत तक चढ़ जाएगा, जो आरबीआई की टॉलरेंस लेवल 6 प्रतिशत से अधिक होगा।